लालू को काटना होगा राजनीति का 11 साल का 'वनवास'
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अब साधारण कैदी भर हो गए हैं। चारा घोटाले में उनके साथ ही जदयू से लोकसभा सदस्य जगदीश शर्मा की संसद सदस्यता भी खत्म कर दी गई है। लालू अब अगले 11 साल तक लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे, जबकि शर्मा पर अगले 10 साल तक यह रोक लागू रहेगी।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अब साधारण कैदी भर हो गए हैं। चारा घोटाले में उनके साथ ही जदयू से लोकसभा सदस्य जगदीश शर्मा की संसद सदस्यता भी खत्म कर दी गई है। लालू अब अगले 11 साल तक लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे, जबकि शर्मा पर अगले 10 साल तक यह रोक लागू रहेगी।
जेल में लालू को खतरा, बढ़ी सुरक्षा
चारा घोटाले में सीबीआइ की विशेष अदालत से सजा पाने के बाद अब मंगलवार को इन दोनों की संसद सदस्यता खत्म करने और उन्हें चुनाव के लिए अयोग्य ठहराने की औपचारिकता भी पूरी हो गई है। लोकसभा महासचिव एस. बालशेखर ने मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि बिहार के सारण और जहानाबाद की लोकसभा सीटें रिक्त हो गई हैं। इन सीटों पर नए सिरे से चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को भी सूचना दे दी गई है।
सारण लोकसभा क्षेत्र से लालू प्रसाद सांसद थे, जबकि जहानाबाद से जदयू के टिकट पर शर्मा चुने गए थे। लालू को पांच और शर्मा को चार साल की सजा सुनाई गई है। दोनों नेता अपनी सजा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव लड़ने से अयोग्य हो गए हैं। दागी जनप्रतिनिधियों की सदस्यता के संबंध में आए सुप्रीम कोर्ट के जुलाई के फैसले की वजह से एक दिन पहले ही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राशिद मसूद की भी सदस्यता जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में साफ तौर पर कहा था कि सजा सुनाए जाने के साथ ही सांसद और विधायक की सदस्यता चली जाएगी।
इस फैसले के क्रियान्वयन को लेकर शुरुआती भ्रम को भी अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती ने साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि सजा सुनाए जाने के दिन ही लोकसभा सचिवालय को जनप्रतिनिधि को अयोग्य घोषित कर सीट रिक्त होने की अधिसूचना जारी कर देनी चाहिए।
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