India-China Border: सैन्य वापसी पर भारत-चीन में वार्ता, कई मसलों पर बनीं सहमति
भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के बीच वर्किंग मेकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन ऑन इंडो-चाइना बॉर्डर अफेयर्स (डब्लूएमसीसी) के तहत बैठक हुई। बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया की समीक्षा की गई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और चीन अपनी सीमा पर बनी तनाव की स्थिति को कम करने को लेकर विमर्श का दौर जारी रखे हुए हैं। शुक्रवार को दोनो देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच वर्किंग मेकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन ऑन इंडो-चाइना बॉर्डर अफेयर्स (डब्लूएमसीसी) के तहत बैठक हुई। बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया की समीक्षा की गई। बैठक में दोनो पक्ष इस बात पर सहमत थे कि पैंगोंग झील के उत्तरी व दक्षिणी किनारों से सैनिकों की वापसी काफी सकारात्मक रही है और इसके आधार पर अब दूसरे तनावग्रस्त क्षेत्रों से भी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरु की जानी चाहिए।
अभी तक हो चुकी है 10 दौर की बातचीत
डब्लूएमसीसी की बैठक में यह भी सहमति बनी कि सैन्य वापसी पर दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच भी वार्ता का दौर जारी रहना चाहिए। सैन्य कमांडरों के बीच अभी तक 10 दौर की बातचीत हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि नौवें दौर की वार्ता में दोनो पक्षों के बीच पैंगोंग झील के पास से सैनिकों को वापस बुलाने की सहमति बनी थी। अब 11 वें दौर की वार्ता भी जल्द ही होगी। आगामी वार्ता का उद्देश्य भी यही है कि अब जिन स्थलों पर तनाव की स्थिति है वहां से भी सैनिक वापस बुलाए जाएं ताकि पूर्वी लद्दाख स्थित पूरी एलएसी पर शांति बहाली हो सके। जिन स्थानों पर चीन के सैनिकों की मौजूदगी बरकरार है उनमें हॉट स्पि्रंग, गोगरा और डेप्सांग हैं।
एलएसी की स्थिति पर विस्तार से हुई चर्चा
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बैठक के बारे में जारी सूचना में बताया गया है कि दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी सेक्टर में एलएसी की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई और अन्य लंबित मुद्दों पर भी गंभीरता से विमर्श हुआ। दोनो पक्षों ने भारत व चीन के विदेश मंत्रियों के बीच सितंबर, 2020 में मॉस्को में हुई मुलाकात और उसके बाद फरवरी में टेलीफोन पर हुई बातचीत में बनी सहमति को लेकर भी चर्चा की। दोनो पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि जब तक लंबित मुद्दों का समाधान निकल आता, तब तक बातचीत का दौर जारी रहेगा। इसका मकसद यही होगा कि जल्द से जल्द सैनिकों की वापसी हो सके। महत्वपूर्ण सहमति यह भी बनी है कि जब तक अंतिम समाधान ना निकले तब तक एलएसी पर शांति बनाए रखी जाए और कोई भी मुश्किल हालात पैदा नहीं होने दिए जाएं।
समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच दो स्तरों पर बातचीत जारी
बताते चलें कि मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के घुसपैठ से उत्पन्न स्थिति के समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच दो स्तरों पर बातचीत हो रही है। एक विदेश मंत्रालयों के बीच डब्लूएमसीसी के तहत बातचीत होती है जबकि दूसरा स्तर सैन्य कमांडरों का होता है। डब्लूएमसीसी ने इस तनाव भरे माहौल में भी कूटनीतिक स्तर पर आपसी विमर्श को जारी रखने का मौका दिया है।