सरकारी क्षेत्र के छह लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों को नए वर्ष का तोहफा
ईपीएफओ अगले वर्ष पहली जनवरी से पेंशन कम्यूटेशन की सुविधा बहाल करने का फैसला लागू करेगा। इससे निजी क्षेत्र के पेंशनभोगियों को इससे फिलहाल कोई फायदा नहीं मिलने वाला है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। श्रम मंत्रालय 6.3 लाख सरकारी पेंशनभोगी कर्मचारियों को नए वर्ष का तोहफा देने वाला है। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले वर्ष पहली जनवरी से पेंशन कम्यूटेशन की सुविधा बहाल करने का फैसला लागू करेगा। हालांकि इससे निजी क्षेत्र के पेंशनभोगियों को इससे फिलहाल कोई फायदा नहीं मिलने वाला है।
कर्मचारियों की पेंशन स्कीम के तहत 6.3 लाख लोगों ने अपनी-अपनी पेंशन के लिए कम्यूटेशन का विकल्प अपनाया था। इसके चलते उन्हें रिटायरमेंट के समय वर्ष 2009 से पहले तक पेंशन फंड में जमा राशि का एकमुश्त भुगतान किया गया था। लेकिन ईपीएफओ ने वर्ष 2009 में यह व्यवस्था वापस ले ली थी।
बहरहाल, एक सूत्र ने बताया, 'ईपीएफओ ने कम्यूटेशन बहाल करने या पेंशन फंड से आंशिक निकासी की सुविधा दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए श्रम मंत्रालय पहली जनवरी, 2020 को एक अधिसूचना जारी करेगा।' इसके बाद पेंशनभोगी अपनी मासिक पेंशन घटाकर उसके बदले में एकमुश्त रकम का इंतजाम कर पाएंगे।
क्या होता है कम्यूटेशन?
इस व्यवस्था के तहत पेंशनभोगियों की मासिक पेंशन अगले 15 वर्षो के लिए एक-तिहाई (करीब 33 प्रतिशत) घटा दी जाती है। इसके बदले में उन्हें एकमुश्त मोटी रकम का भुगतान किया जाता है। 15 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद उन्हें हर माह पेंशन की पूरी रकम मिलनी शुरू हो जाती है।
ट्रस्टी बोर्ड की हरी झंडी
ईपीएफओ में फैसले करने वाली सबसे ब़़डी संस्था 'सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज' ने इसी साल 21 अगस्त को 6.3 लाख पेंशेनभोगियों के लिए पेंशन कम्यूटेशन की सुविधा बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूदी दे दी थी। केंद्रीय श्रम मंत्री इस बोर्ड के प्रमुख होते हैं। ईपीएफओ की एक समिति ने कर्मचारी पेंशन स्कीम 1995 (ईपीएस-95) में संशोधन की सिफारिश की थी, ताकि पेंशन कम्यूटेशन की व्यवस्था दोबारा शुरू की जा सके।
उठ रही थी मांग
देश में पेंशन कम्यूटेशन की व्यवस्था बहाल करने मांग जोर-शोर से उठ रही है। इससे पहले ईपीएस-95 के तहत सदस्यों को इस बात की अनुमति थी कि वे जरूरत पर मोटी रकम का इंतजाम करने के उद्देश्य से 15 वर्ष की अवधि की एक-तिहाई पेंशन के बराबर एकमुश्त रकम की मांग कर सकते हैं। यह सुविधा केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध थी। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को नए साल में भी यह सुविधा नहीं मिलेगी।