Move to Jagran APP

'साहब को मेरे घर के सामने मत मारो'

भाई मेरे घर के सामने डीएसपी साहब को मत मारो, नहीं तो मैं फंस जाऊंगा। यह कथन उस शख्स का है, जो डीएसपी जिया उल हक की हत्या के समय मौजूद था। लेकिन हमलावरों के सामने उसकी एक न चली और डीएसपी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। बलीपुर गांव में प्रधान के घर के पीछे रहने वाले अर्जुन के मुता

By Edited By: Published: Wed, 10 Apr 2013 09:01 AM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2013 09:18 AM (IST)
'साहब को मेरे घर के सामने मत मारो'

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। भाई मेरे घर के सामने डीएसपी साहब को मत मारो, नहीं तो मैं फंस जाऊंगा। यह कथन उस शख्स का है, जो डीएसपी जिया उल हक की हत्या के समय मौजूद था। लेकिन हमलावरों के सामने उसकी एक न चली और डीएसपी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया।

loksabha election banner

बलीपुर गांव में प्रधान के घर के पीछे रहने वाले अर्जुन के मुताबिक, दो मार्च की रात जब कुछ लोग डीएसपी पर यह आरोप लगाकर लाठी डंडे से मार रहे थे कि कितना पैसा लेकर आए हो, तो पास खड़ा अर्जुन यह कहते हुए हमलावरों को रोकने लगा कि साहब हमारी मदद करने के लिए आए हैं, इन्हें मत मारो। लेकिन उन्हें इस कदर पीटा गया कि डीएसपी जिया खून से लथपथ होकर अर्जुन के दरवाजे के सामने गिर पड़े और हमलावर चले गए। थोड़ी देर बाद कुछ हमलावर असलहा लेकर वहां आए और घायल डीएसपी को उन्होंने गोली मार दी। उसी के बाद भय के कारण अर्जुन अपना परिवार लेकर फरार हो गया। घटना के बाद दो हफ्ते तक वह कछार में ही छिपा रहा, जब सीबीआइ ने जानमाल की सुरक्षा का भरोसा दिलाया तो वह परिवार समेत घर लौट आया। इस बीच, सीबीआइ ने प्रधान नन्हे यादव की हत्या में प्रयुक्त हुई मोटर साइकिल और दो मोबाइल बरामद कर लिए हैं।

कुंडा कांड में सीबीआइ को मिले अहम सुराग

जागरण ब्यूरो, लखनऊ। प्रतापगढ़ के बलीपुर के तिहरे हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ ने मंगलवार को अजय पाल व विजय पाल से पूछताछ शुरू कर दी है। अदालत ने सीबीआइ को इनसे हफ्ते भर पूछताछ करने का मौका दिया है। सूत्रों के मुताबिक, पहले दिन की पूछताछ में ही सीबीआइ को इनसे कई अहम जानकारी मिली है। अगले कुछ दिनों में कुछ और गिरफ्तारी हो सकती है।

ग्राम प्रधान नन्हें यादव और उनके भाई सुरेश यादव की हत्या में सीबीआइ उनके पुराने प्रतिद्वंद्वी कामता पाल को निशाने पर रखकर अपनी जांच कर रही है। अजय और विजय कामता पाल के बेटे हैं।

सूत्रों का कहना है कि घटना में कामता के रिश्तेदार संजय की अहम भूमिका होने की सीबीआइ को सूचना मिली है। इसीलिए सीबीआइ संजय को लेकर ज्यादा संजीदा है। सीबीआइ ने दोनों भाइयों से संजय के बारे में पूछताछ की और कई संभावित ठिकानों पर गई भी, लेकिन संजय हाथ नहीं लगा।

सीबीआइ नन्हें यादव की हत्या के बारे में अपनी जांच कर चुकी है, लेकिन अब वह सुरेश यादव के हत्यारों तक पहुंचने में जुटी है। नन्हें की हत्या के बाद डीएसपी कुंडा जियाउल हक और प्रधान के भाई सुरेश यादव की हत्या हुई। सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि सुरेश की हत्या का राजफाश होते ही सारी कहानी साफ हो जाएगी। इसीलिए दोनों अभियुक्तों से पूछताछ का दायरा सिर्फ उनके रिश्तेदार ही नहीं हैं, बल्कि कुंडा इलाके में प्रभावशाली लोगों की भूमिकाएं भी तलाशी जा रहीं हैं।

सीबीआइ संजय प्रताप सिंह गुड्डू, राजीव प्रताप सिंह, गुलशन यादव और छविनाथ यादव के बारे में भी जानकारी जुटाने लगी है। पाल परिवार से इन चारों के संबंध और सहयोग की भी छानबीन हो रही है। इस बाबत सीबीआइ ने दोनों भाइयों से अलग अलग सवाल पूछे।

जियाउल हक के 40वें पर उनके पैतृक गांव देवरिया के नूनखार टोला जुआफर में मंगलवार को गणमान्यों का तांता लगा रहा। उनके 40वें में शामिल होने के लिए न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के लोग पहुंचे, बल्कि सभी धर्मो की नामचीन हस्तियों ने भी शिरकत की।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.