अनाथ बच्चों ने पीएम को लिखा खत, मां के छोड़े 96 हजार के पुराने नोटों की एफडी करवा दें
कोटा के रहने वाले अनाथ नाबालिग भाई-बहन ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर अपनी स्वर्गीय मां के जोड़े पुराने 96 हजार रुपयों की एफडी करवाने का आग्रह किया है।
जयपुर/कोटा (जेएनएन)। राजस्थान में कोटा के रहने वाले अनाथ नाबालिग भाई-बहन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने नोटबंदी के कारण उनके समक्ष आई तकलीफ का जिक्र किया है। उन्होंने खत में लिखा कि उनकी स्वर्गीय मां ने मेहनत मजदूरी कर उनके लिए पांच सौ व एक हजार के पुराने नोटों के रूप में 96,500 रपए जमा किए थे। इन्हें नए नोटों में बदलवा दें या बहन के नाम इसकी एफडी करवा दें।
दरअसल सूरज और सलोनी की मां पूजा बंजारा दिहाड़ी मजदूरी करती थी। वर्ष 2013 में उनकी कथित रूप से हत्या कर दी गई थी। पिता राजू बंजारा की पहले ही मौत हो चुकी है। अब दोनों भाई-बहन अनाथ हो चुके हैं और कोटा की एक संस्था में रह रहे हैं। बाल कल्याण समिति, कोटा के चेयरमैन हरीश गुरबक्शानी ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान दोनों ने बताया था कि आरके पुरम और सरवाडा गांव में उनके घर हैं। बाल कल्याण समिति के आग्रह पर पुलिस ने इस माह की शुरूआत में सरवाडा में उनके पुश्तैनी मकान की तलाशी कराई तो सोने-चांदी के जेवरात और एक बॉक्स में एक हजार के 22 व 500 के 149 पुराने नोट मिले।
रिजर्व बैंक ने कर दिया इंकार
समिति ने नोटों को बदलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 17 मार्च को पत्र लिखा लेकिन 22 मार्च को ई-मेल के जरिए सूचना दी कि नोट नहीं बदले जा सकेंगे। यह रकम मां ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए जोड़ी थी, लेकिन अब यह किसी काम की नहीं रही। ऐसे में दोनों भाई-बहन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गुहार लगाई कि हमारी मां ने मजदूरी कर हमारे लिए जो रकम छोड़ी है उन रुपयों को नए नोटों में बदलवा दें क्योंकि बैंक में पुराने नोट बदलने की अंतिम तारीख कब की खत्म हो चुकी है। भाई चाहता है कि इन रुपए की बहन के नाम एफडी करवा दी जाए। गुरबक्शानी ने बताया कि हाथ से लिखा खत प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रेषित कर दिया गया है।