Move to Jagran APP

समाजवादी पार्टी में चल रहे सियासी घमासान के पीछे की ये है असली कहानी

चाचा-भतीजे के बीच चल रही इस लड़ाई के पीछे सालों पुरानी पारिवारिक कलह भी शामिल है। इसे समझने के लिए आपको इतिहास में लौटना पड़ेगा।

By Atul GuptaEdited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 08:55 PM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 08:05 AM (IST)
समाजवादी पार्टी में चल रहे सियासी घमासान के पीछे की ये है असली कहानी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में जिस तरह आतंरिक कलह की कलई खुली है उसने समूचे राजनीतिक गलियारे को हिलाकर रख दिया है। ऐसा नहीं है कि पार्टी में ये कलह अभी की है, इसकी शुरूआत जून में ही हो गई थी जब मुख्तार अंसारी की पार्टी के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर अखिलेश और शिवपाल यादव में ठन गई थी। हालांकि मुलायम सिंह यादव ने इस दौरान एक मंझे हुए नेता की तरह मामले को शांत करा दिया था मगर कहीं ना कहीं आग लग चुकी थी।

loksabha election banner

चाचा-भतीजे की जंग की ये है असली वजह

चाचा-भतीजे के बीच चल रही इस लड़ाई के पीछे सालों पुरानी पारिवारिक कलह भी शामिल है। इसे समझने के लिए आपको इतिहास में लौटना पड़ेगा।

मुलायम सिंह यादव ने राम मनोहर लोहिया और इंदिरा गांधी के साथ अपनी राजनीति की शुरूआत की थी और बाद में राजीव गांधी के समर्थन से वो सीएम भी बने। नई पार्टी बनाई और फिर केंद्र में रक्षा मंत्री भी बने। मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक जीवन में उनके भाई शिवपाल यादव हमेशा उनके साथ रहे और माना जाता था कि मुलायम के बाद पार्टी के उत्तराधिकारी शिवपाल ही होंगे मगर ऐसा हुआ नहीं और अखिलेश यादव को सूबे की कमान सौंप दी गई।

पढ़ें-सपा घमासानः ढाई दशक में समाजवादी पार्टी ने दोहरा दिया इतिहास

अमर सिंह की वापसी से मचा कोहराम

हाल ही में पार्टी में उस वक्त भी बड़ा कोहराम मचा जब अमर सिंह की पार्टी में वापसी हुई। माना जाता है कि शिवपाल यादव और मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता ने मिलकर अमर सिंह की पार्टी में वापसी कराई जिससे पार्टी और परिवार में कलह शुरू हो गई। अमर सिंह पहले भी विवादों में रहे हैं। उन पर अंबानी और बच्चन परिवार को तोड़ने का आरोप लगता रहा है। अखिलेश यादव भी अमर सिंह के पार्टी में लौटने से खुश नहीं थे, यही वजह है कि समाजवादी पार्टी में दो गुट बन गए जिसके बाद से अंदरूनी खींचतान लगातार चल रही है।

अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं और चुनाव से दो-तीन महीने पहले पार्टी में जिस तरह का सियासी भूचाल आया है उसे देखते हुए लगता है कि समाजवादी पार्टी के लिए आने वाला समय काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।

पढ़ें- मुलायम सिंह की शिवपाल से वार्ता के बाद रामगोपाल पार्टी से बाहर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.