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न्यूजीलैंड की एक नदी के किनारे बनी इस झोपड़ी की कीमत 53 लाख रुपये, जानिए क्यों

अजूबों से भरे इस संसार में एक नदी ऐसी भी है जो सोना उगलती है। न्यूजीलैंड की इस नदी में सोना खोजने वालों की किस्मत चमक सकती है।

By Brij Bihari ChoubeyEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 04:14 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 05:25 PM (IST)
न्यूजीलैंड की एक नदी के किनारे बनी इस झोपड़ी की कीमत 53 लाख रुपये, जानिए क्यों
न्यूजीलैंड की एक नदी के किनारे बनी इस झोपड़ी की कीमत 53 लाख रुपये, जानिए क्यों

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। क्या आप नदी के किनारे बनी एक झोपड़ी के लिए 53 लाख रुपये खर्च करना चाहेंगे। शायद नहीं। लेकिन अगर आपको यह बताया जाए कि यह झोपड़ी न्यूजीलैंड New Zealand की उस वाकामरीना नामक नदी के तट पर स्थित है जिसे दुनिया की सबसे समृद्ध नदी कहा जाता है, तो एक बार आपका मन जरूर बदल जाएगा। अगर आपको यह मालूम हो जाए कि इस नदी में सोना मिलने की संभावना है तो आप जरूर इस झोपड़ी को खरीदने के लिए तैयार हो जाएंगे। हम आपको इसी नदी और उसके किनारे बिकाऊ झोपड़ी की कहानी बता रहे हैं।

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सोना उगलने वाली नदी
न्यूजीलैंड New Zealand के साउथ आइलैंड के मार्लबरो में स्थित वाकामरीना नदी के किनारे निर्जन स्थान पर खड़ी इस झोपड़ी के मौजूदा मालिक ने इसके लिए 75 हजार डॉलर (लगभग 53 लाख रुपये) की कीमत लगाई है। उनका कहना है कि अब वे 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं, इसलिए इसे बेचना चाहते हैं। जो भी व्यक्ति इसे खरीदेगा, उसकी किस्मत संवर जाएगी क्योंकि इस नदी को सोने की खान कहा जाता है।

सात साल के लिए लाइसेंस
नीलामी की वेबसाइट ट्रेड मी (Trade Me) पर यह झोपड़ी बिक्री के लिए उपलब्ध है। जो भी शख्स इसकी सबसे ज्यादा बोली लगाएगी, झोपड़ी उसकी हो जाएगी। खरीदार को इस झोपड़ी के साथ नदी के पांच किमी तक के क्षेत्रफल की भी मिल्कियत मिल जाएगी। इसके बाद सब कुछ उसकी किस्मत पर निर्भर करेगा कि उसे वहां से कितना सोना मिलता है। Trade Me की साइट के अनुसार इस नदी से अब भी सोना निकलता है। इसमें बताया गया है कि झोपड़ी और नदी में खनन का लाइसेंस जनवरी, 2026 तक के लिए मान्य होगा। इसके बाद इसकी फिर से नीलामी की जाएगी।

डेढ़ सौ साल पहले मिला था सोना
वाकामरीना नदी में 1864 में पहली बार सोना पाया गया था। चार लोगों ने इसे खोजा था। इस खोज की खबर जंगल की आग की तरह फैली और उसके बाद तो इस नदी के किनारे सोना खोजने वालों का तांता लग गया। धीरे-धीरे इस नदी के तट पर टेंट वाले शहर बस गए। सोना खोजने के लिए आने वालों में ज्यादातर लोग ऑस्ट्रेलिया से थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि 1864 में इस नदी से 778 किलोग्राम सोना निकाला गया। अगले साल यानी 1865 में वहां सोना खोजने वालों की तादाद 16 हजार हो गई।

अपने देश में भी है सोना उगलने वाली नदी
अपने देश में भी सोना उगलने वाली नदी है। झारखंड की स्वर्ण रेखा नदी में सोने के कण पाए जाते हैं। हालांकि अब इस नदी में सोना खोजने वालों की भीड़ नहीं जुटती है लेकिन किसी जमाने में यह नदी अपनी इस खूबी के लिए जानी जाती थी।

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