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जानिए कौन हैं महिला शिक्षक उषा दुबे, जिनका पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की महिला शिक्षक उषा दुबे ने स्कूटी को ही मोबाइल लाइब्रेरी में बदल दिया। वह प्रतिदिन चलते-फिरते पुस्तकालय को लेकर किसी न किसी गांव में पहुंच जाती हैं। अब बच्चे उन्हें पुस्तकालय वाली दीदी कहकर पुकारते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 06:15 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 06:15 AM (IST)
जानिए कौन हैं महिला शिक्षक उषा दुबे, जिनका पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र
महिला शिक्षक उषा दुबे की मोबाइल लाइब्रेरी।

सीधी/बड़वानी, राज्‍य दुबे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की महिला शिक्षक उषा दुबे की चलते-फिरते पुस्तकालय तथा बड़वानी जिले में संचालित फार्मकार्ट कंपनी का उल्लेख किया। 

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महिला शिक्षक उषा दुबे ने स्कूटी को ही बना लिया है मोबाइल लाइब्रेरी

प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की महिला शिक्षक उषा दुबे ने स्कूटी को ही मोबाइल लाइब्रेरी में बदल दिया। वह प्रतिदिन चलते-फिरते पुस्तकालय को लेकर किसी न किसी गांव में पहुंच जाती हैं। अब बच्चे उन्हें पुस्तकालय वाली दीदी कहकर पुकारते हैं। बता दें कि नईदुनिया ने चलते-फिरते पुस्तकालय की खबर को 20 सितंबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। 

बड़वानी जिले में संचालित फॉर्मकार्ट कंपनी का भी किया उल्लेख 

सिंगरौली जिले की माध्यमिक शाला हर्रई पूर्व में पदस्थ उषा दुबे ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा 'मन की बात' में उनका उल्लेख किए जाने की जानकारी उन्हें एक परिचित ने मोबाइल पर दी। मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिस कार्य को मैं कर रही थी अब उसकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। जिन गांव तक चलती-फिरती पुस्तकालय नहीं पहुंच पाई थी अब वहां भी पहुंचा कर बच्चों को पढ़ाने का काम किया जाएगा। 

नईदुनिया की आभारी हूं 

उषा दुबे ने नईदुनिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि करीब एक माह पहले इस अखबार ने मेरे बारे में खबर प्रकाशित की थी। आज वह खुशी दोगुनी तब हो गई जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चलते-फिरते पुस्तकालय की चर्चा मन के बात में की।

किसानों को डिजिटल एप से सामग्री उपलब्ध करवाई

पीएम मोदी ने बड़वानी जिले में संचालित फार्मकार्ट कंपनी का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना संकट के समय किसानों को खाद-बीज व दवाइयों की जरूरत थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे जुटा नहीं पा रहे थे। इसका निदान इस कंपनी ने किया।

कंपनी ने बड़वानी के साथ-साथ पास के जिले खरगोन, धार, झाबुआ के चार हजार किसानों को डिजिटल एप से सामग्री उपलब्ध करवाई। किसानों को घर तक उनकी जरूरत की चीजें मिल रही हैं। इनमें कपास और सब्जी के बीज भी शामिल हैं। कंपनी किसानों को तकनीकी रूप से जागरूक कर रही है। ऑनलॉइन पेमेंट और खरीदारी सिखा रही है। कंपनी के संस्थापक और सीईओ अतुल पाटीदार हैं।


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