जानिए कौन हैं स्वाति रावल, ईरान में फंसे भारतीयों को एयर इंडिया की फ्लाइट से लेकर वापस लौंटी
इन दिनों जब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के बारे में जानने के बाद कोई उनकी ओर देखना नहीं चाह रहा है। ऐसे में ईरान जाकर वहां से भारतीयों को लाना बड़ा काम है।
नई दिल्ली, एजेंसी। एक ओर लोग कोरोना वायरस के मरीजों के बारे में जानकर उनसे दूर भाग रहे हैं। उनके घर वालों से कोई संपर्क तक नहीं करना चाह रहे हैं, ऐसे में यदि कोई टीम विदेश में फंसे नागरिकों को लाने के लिए जाती है तो ये अपने आप में बड़ी बात है।
खासतौर पर तब ये टीम और भी अधिक खास हो जाती है जब वो कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देश में इस काम के लिए जा रही हो। एयर इंडिया की टीम के पायलटों ने कुछ ऐसा ही काम किया जिसकी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तारीफ कर रहे हैं।
इस टीम में शामिल कैप्टन स्वाति रावल की खासी तारीफ की जा रही है। स्वाति रावल 5 साल के एक बच्चे की मां हैं और वो एयर इंडिया 777 की कमांडर है। स्वाति भी उस टीम की सदस्य थीं जो इटली की राजधानी में फंसे 265 भारतीयों को बचाने के लिए गई हुई थीं।
पीएम ने ट्वीट कर की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के चलते विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने में एयर इंडिया के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि एयर इंडिया की टीम पर गर्व है जिसने धैर्य रखते हुए मानवता का परिचय दिया है। देश भर में उनके असाधारण प्रयास की प्रसंसा हो रही है। नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी एयर इंडिया की प्रशंसा की है। उन्होंने ट्वीट किया कि एयर इंडिया के बोइंग 777 के चालक दल ने कप्तान स्वाति रावल औऱ राजा चौहान के नेतृत्व में कर्तव्य का निर्वहन करते हुए 263 भारतीयों की स्वदेश वापसी कराई है।
वापस आए लोगों की सुरक्षा का दिया आश्वासन
एयर इंडिया ने ईरान से वापस लौटे भारतीयों को आश्वासन दिया कि सभी सुरक्षा सावधानियों का पालन किया जा रहा है। यह कहा गया कि वे जनवरी 2020 में वापस तैयार किए गए यात्री और स्वयं की देखभाल के लिए प्रोटोकॉल दिशानिर्देशों का पालन कर रहे थे।
खबरों में आई स्वाति
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि स्वाति खबरों में आई हों, इससे पहले भी वो खबरों में रही हैं। साल 2010 में वो एयर इंडिया की सभी महिला क्रू का हिस्सा थी जिसने मुंबई से न्यूयॉर्क के लिए उड़ान भरी थी। वो बीते 15 सालों से विमान उड़ा रही हैं। ऐसा नहीं है कि स्वाति की शुरू से ही इच्छा एयर इंडिया के विमान को उड़ाने की रही है।
दरअसल उनका बचपन का सपना लड़ाकू पायलट बनना था लेकिन उस समय महिलाओं को वायु सेना में उड़ान भरने की अनुमति नहीं थी, इसलिए वो फाइटर पायलट नहीं बन पाई, इसके बाद उन्होंने एयर इंडिया ज्वाइन किया और एक वाणिज्यिक पायलट बन गईं। स्वाति का कहना है कि उनके परिवार ने उनकी पसंद के लिए उनका समर्थन किया है।