जानिए- सीरिया को तबाह करने के लिए किन-किन हथियारों का किया गया इस्तेमाल
फ्रांस के राष्ट्रपति ने रॉफेल लड़ाकू विमान के उड़ाने भरने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की संयुक्त सेनाओं ने सीरिया पर इतनी तेज गति से हमला किया कि वह संभल भी नहीं पाया। तीनों देशों की सेनाओं ने अपने-अपने अचूक और अत्याधुनिक हथियारों से हमले किए। फ्रांस के राष्ट्रपति ने रॉफेल लड़ाकू विमान के उड़ाने भरने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। आइए जानते हैं कि किन-किन हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
यूके टॉरनाडो फाइटर्स
ब्रिटेन ने अपने चार विध्वंसक टॉरनाडो फाइटर्स से सीरिया पर क्रूज मिसाइलें दागीं। टॉरनाडो ने साइप्रस स्थित रॉयल एयर फोर्स के बेस कैंप से उड़ान भरी थी। ये चार सौ किलोग्राम विस्फोटक लेकर 400 किमी दूर से हमला कर सकते हैं। दो इंजन वाले ये विमान जमीनी हमले के लिए मुफीद माने जाते हैं। इन्हें हमले के लिए दुश्मन के क्षेत्र में जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है।
टॉमहॉक क्रूज मिसाइल
युद्ध क्षेत्र में इनका लक्ष्य बदला जा सकता है। यह तेजी से लक्ष्य पर अचूक निशाना लगाती हैं। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने यह नहीं स्पष्ट किया किया है कि सीरिया में टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें ही दागी गई हैं। पिछले साल से ही अमेरिका सीरिया में इन मिसाइलों का उपयोग हमले के लिए कर रहा है। अब तक 58 मिसाइलें दागी गई हैं। यह मिसाइल 18 से 20 फीट लंबी होती है और 880 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ढाई हजार किमी दूर तक मार कर सकती है। यह एक हजार पाउंड तक विस्फोटक ले जा सकती है।
यूएस बी-1 बमवर्षक
अमेरिका ने अपने खतरनाक बमवर्षक बी-1 का सीरिया पर हमले के दौरान उपयोग किया है। हालांकि इससे किस तरह की मिसाइलें दागी गई हैं, इसका ब्योरा अभी नहीं मिला है। खास बात यह है कि चार इंजन वाला यह बमवर्षक हवा में ही मिसाइलें दाग सकता है। इसके साथ ही वह अपने साथ 450 किलो विस्फोटक ले जा सकता है।
फ्रेंच फ्रिगेट एंड क्रूज मिसाइल
फ्रांस नौसेना ने अपनी कम से कम तीन अत्याधुनिक फ्रिगेट्स से क्रूज मिसाइलें भी दागी हैं। हालांकि इस हमले में कितनी फ्रिगेट का उपयोग किया गया है, इसकी जानकारी नहीं मिली है। प्रत्येक फ्रिगेट (जहाज) पर 16 लांच पैड हैं। क्रूज मिसाइलों की मारक क्षमता 620 किलोमीटर के दायरे में है।
राफेल लड़ाकू विमान
राफेल लड़ाकू विमानों से सीरिया पर हमले की बात खुद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअन मैक्रों ने स्वीकारी है। उन्होंने ट्विटर पर फ्रांस के एयर बेस से राफेल के उड़ान भरने का वीडियो शेयर किया है। राफेल 60 हजार किमी ऊंचाई पर 2130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। विभिन्न मिसाइलों से लैस राफेल एक बार में 24,500 किलो विस्फोट ले जा सकता है। भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने का समझौता किया है।