Move to Jagran APP

ब्रिटेन में टीकाकरण की शुरुआत, जानें- क्या होता है जब किसी को लगती है कोरोना वैक्सीन

फाइजर की कोरोना वैक्सीन को बांह में लगाया जाता है। इस वैक्सीन को नई मैसेंजर आरएनए तकनीक के जरिये कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड के हिस्से से विकसित किया गया है। प्रतिरक्षा के लिए तीन सप्ताह में दो खुराक दी जाती है।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 09:34 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 09:34 PM (IST)
ब्रिटेन में टीकाकरण की शुरुआत, जानें- क्या होता है जब किसी को लगती है कोरोना वैक्सीन
किस तरह की सुरक्षा देती है कोरोना वैक्सीन

नई दिल्ली, रायटर। ब्रिटेन में टीकाकरण की शुरुआत हो गई है। वहां के 50 अस्पतालों में फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है। वैक्सीन को लेकर भारतवासियों में भी काफी उत्सुकता है। हालांकि, इस बीच अफवाहें भी खूब तैर रही हैं। आइए, जानते हैं कि वैक्सीन लगने के बाद किस प्रकार के लक्षण सामने आते हैं और वह कोरोना वायरस के खिलाफ कब और कैसे असर दिखाना शुरू करती है.....

loksabha election banner

थकान व सिरदर्द की शिकायत

फाइजर की कोरोना वैक्सीन को बांह में लगाया जाता है। इस वैक्सीन को नई मैसेंजर आरएनए तकनीक के जरिये कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड के हिस्से से विकसित किया गया है। प्रतिरक्षा के लिए तीन सप्ताह में दो खुराक दी जाती है। परीक्षण के दौरान वैक्सीन 95 फीसद प्रभावी रही। फाइजर के मुताबिक, ट्रायल के दौरान स्वयंसेवकों में हल्के व मध्यम साइड इफेक्ट देखने में मिले, जो जल्द ही खत्म हो गए। दूसरी खुराक के बाद 3.8 फीसद स्वयंसेवकों को थकान और दो फीसद को सिरदर्द की शिकायत हुई। 

किस तरह की सुरक्षा देती है वैक्सीन

वैक्सीन ने दूसरी खुराक के सात दिन के बाद कोविड-19 को रोका। इसे पहली खुराक के एक महीने बाद दिया गया था। क्लीनिकल ट्रायल को यह पता लगाने के लिए नहीं निर्धारित किया गया है कि प्रतिरक्षा प्राप्त करने वाला अभी भी किसी और व्यक्ति को कोरोना वायरस का प्रसार कर सकता है। कुछ वैक्सीन जैसे हेपेटाइटिस ए ऐसी सुरक्षा देती हैं, जिन्हें स्टरलाइजिंग इम्युनिटी के रूप में जाना जाता है। हालांकि दूसरों के साथ ऐसा नहीं है। जांस हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता शेट ने कहा, जब तक वैक्सीन के प्रभाव की पूरी रिपोर्ट सामने नहीं आती तब तक भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना बेहतर है।

क्या सामान्य जीवन में लौटेंगे

अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं है कि वैक्सीन वायरस के प्रसार को रोकती है। कोई भी वैक्सीन 100 फीसद प्रभावी नहीं है। विज्ञानी लगातार सतर्कता के लिए कहते हैं, जिनमें मास्क पहनना, हाथ धोना और शारीरिक दूरी बनाए रखना शामिल हैं। कोलाराडो के संक्रमण रोकथाम में वरिष्ठ चिकित्सा निदेशक डॉ. मिशेला बरौन कहती हैं कि सभी वैक्सीन कुछ मरीजों के उप समूहों में अच्छा काम करते हैं, लेकिन दूसरों में नहीं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन अभियान आगामी गर्मियों तक बहुत से लोगों तक पहुंचने की उम्मीद है।

फाइजर को कई देशों में अनुमति मिलने की उम्मीद

फाइजर की वैक्सीन को कई देशों से अनुमति का इंतजार है। सोमवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि भारत ने आपातकालीन इस्तेमाल के लिए वैक्सीन की समीक्षा तेज कर दी है। वहीं कनाडा अगले सप्ताह वैक्सीन को अनुमति दे सकता है। फाइजर और बायोएनटेक ने यूरोपियन ड्रग रेगुलेटर की अनुमति के लिए एक दिसंबर को अनुरोध किया था। दूसरी ओर अमेरिकी एफडीए ने जुलाई मध्य में वैक्सीन को 'फास्ट ट्रैक' का दर्जा दिया था। इस सप्ताह वैक्सीन के उपयोग के और अधिक संकेत दिए जाने की उम्मीद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.