जानिए दुष्कर्म मामले में क्या थी आसाराम के सहयोगी शिल्पी और शरत की भूमिका
पीड़िता के मुताबिक, यूपी के शाहजहांपुर से उसे दिल्ली लाने और यहां से जोधपुर ले जाने के बीच इन दोनों ने अहम भूमिका निभाई थी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में 2013 से जोधपुर जेल में बंद आसाराम पर सजा का फैसला आ चुका है। आसाराम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आसाराम के अलावा शिल्पी अौर शरतचंद्र को भी दोषी करार देते हुए 20-20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। बता दें कि जबकि शिवा और प्रकाश को बरी कर दिया गया है। जोधपुर की कोर्ट ने सुरक्षा कारणों से सेंट्रल जेल परिसर में ही फैसला सुनाने का निर्णय किया। पीड़िता का आरोप है कि 15 और 16 अगस्त 2013 की दरम्यानी रात जोधपुर के एक फार्म हाउस में आसाराम ने इलाज के बहाने उसका दुष्कर्म किया था। लेकिन इस कांड को आसाराम ने अकेले नहीं बल्कि उनके साथ और लोग भी शामिल थे।
पीड़िता के मुताबिक, यूपी के शाहजहांपुर से उसे दिल्ली लाने और यहां से जोधपुर ले जाने के बीच इन चारों ने अहम भूमिका निभाई थी। इसमें हॉस्टल वार्डन, हॉस्टल संचालक, प्रमुख सेवादार और रसोइया का नाम शामिल था। पीड़िता ने दिल्ली के कमलानगर थाने में 19 अगस्त 2013 को आसाराम सहित इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
जानिए क्या थी दोषी पाए गए दोनों सहयोगियों की भूमिका
1- हॉस्टल वार्डन शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता जिसने पीड़िता को भूत-प्रेत का भय दिखाया। छात्रा को बहला फुसलाकर और उसे अपनी बातों से प्रभावित कर आसाराम के पास भेजा।
2- हॉस्टल संचालक शरदचन्द्र उर्फ शरतचन्द्र जिसने पीड़िता की बीमारी का पता चलने पर भी इलाज नहीं कराया। बल्कि पूरी रात उसने आश्रम में अनुष्ठान कराया। उसने पीड़िता को आसाराम को ही एकमात्र उपचारकर्ता मानने पर मजबूर किया।
इंदौर में हुई थी गिरफ्तारी
आसाराम ने छात्रा को धमकाया था, इसलिए पीड़िता ने दिल्ली जाकर 20 अगस्त, 2013 को कमला नगर पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। वहां से केस जोधपुर रेफर किया गया था। जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है।
जोधपुर सेशन कोर्ट में चला केस
पुलिस ने आसाराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 370(4), 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद 31 अगस्त 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। जोधपुर सेशन कोर्ट में आसाराम के खिलाफ केस चला। इसके बाद कोर्ट ने आरोप तय किए थे।