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COVID-19 & Asthma: कोरोना से अस्‍थमा के रोगियों की बढ़ सकती है परेशानी, रखिए इन बातों का ध्‍यान

COVID-19 Asthma डॉ. बोरनाली दत्ता ने बताया कि अस्थमा या सांस संबंधी रोगियों को बहुत सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव डालता है श्वसन तंत्र पर.

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 03:49 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 03:49 PM (IST)
COVID-19 & Asthma: कोरोना से अस्‍थमा के रोगियों की बढ़ सकती है परेशानी, रखिए इन बातों का ध्‍यान
COVID-19 & Asthma: कोरोना से अस्‍थमा के रोगियों की बढ़ सकती है परेशानी, रखिए इन बातों का ध्‍यान

नई दिल्ली। COVID-19 & Asthma: अस्थमा या सांस संबंधी रोगियों को बहुत सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव डालता है श्वसन तंत्र पर... विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अस्थमा सहित फेफड़ों की अन्य बीमारियों वाले रोगियों में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक होता है। पहले से ही श्वसन संबंधी संक्रमण होने के कारण कोरोना वायरस ऐसे रोगियों को आसानी से प्रभावित करता है।

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अस्थमा के रोगियों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने व एलर्जी को नियंत्रण में रखना जरूरी है। साथ ही उन्हें चिकित्सक द्वारा बताई गई उपचार योजना का सख्ती से पालन भी करना चाहिए। यदि किसी परिवार में किसी व्यक्ति को अस्थमा का रोग है। तो उसकी आने वाली पीढि़यों में भी यह रोग हो सकता है। अस्थमा आनुवांशिक कारणों से हो जाता है। इसलिए अस्थमा के रोगी को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जानें क्‍या कहते है गुरुग्राम के मेदांता के पल्मोनरी, रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन विभाग के निदेशक डॉ. बोरनाली दत्ता

अस्थमा के प्रमुख लक्षण: अस्थमा ऐसा रोग है, जो सांस नली को अवरुद्ध करके अतिरिक्तबलगम का निर्माण करता है। ऐसे में रोगी को तेज खांसी के साथ घरघराहट भरी सांस की तकलीफ होती है।

  • सीने में जकड़न महसूस करना
  • तेज सांस पर पसीना आ जाना
  • लगातार जुकाम व खांसी का रहना
  • मौसम बदलने पर सांस का फूलना
  • धूल, धुआं और ठंडी चीजों के सेवन
  • सांस लेते समय सीटी की आवाज आना
  • जल्दी-जल्दी सांस लेने पर थकावट महसूस करना

इस तरह करें बचाव: मौसम बदलने से सांस की तकलीफ बढ़ती है तो मौसम बदलने के चार से छह सप्ताह पहले ही सजग हो जाना चाहिए। सांस रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। ऐसे कारक जिनकी वजह से सांस की तकलीफ बढ़ती है या जो सांस के दौरे को उत्पन्न कर सकते है उनसे बचाव करना चाहिए। जैसे- धूल और धुआं आदि। इस संदर्भ में कुछ अन्य सुझावों पर भी ध्यान दें...

  • लाइट स्विच, सेलफोन, डोरनॉब आदि को साफ रखें
  • फलों और सब्जियों से भरपूर पौष्टिक व संतुलित आहार लें
  • कप, गिलास और तौलिए जैसी घरेलू चीजों को साझा न करें
  • ऐसे लोगों से शारीरिक दूरी अवश्य बनाएं, जो सर्दी या फ्लू से पीड़ित हैं
  • तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है, इसलिए खुश रहें और ध्यान आदि करें
  • चिकित्सक द्वारा सुझाए गए उपचार को अपनाते हुए दवाओं का नियमित सेवन समय से करें
  • घर से निकलने के बजाय ऑनलाइन खरीददारी करें और टहलने के लिए छत या लॉबी में टहलें
  • क्षमता अनुसार शारीरिक गतिविधि में संलग्न हों क्योंकि यह संपूर्ण स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के लिए अच्छा है
  • मिट्टी और धूल के कणों से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। धुएं से पूरी तरह दूर ही रहें
  • अपने नियमित इनहेलर, नाक के स्प्रे और एंटी-एलर्जी टैबलेट का उपयोग करना जारी रखें। यदि आपको बचाव इनहेलर की अधिक आवश्यकता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

अस्थमा के लक्षण और गंभीरता हमेशा बदलती रहती है। इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। हां, इसके लक्षणों को प्रबंधित किया जा सकता है। यदि आप किसी लक्षण के हमले की शुरुआत महसूस करते हैं, तो चिकित्सक द्वारा दी गई उपचार योजना का पालन करें। इनहेलर हर समय अपने साथ रखें और आवश्यक रूप से इसका उपयोग करें। लक्षण जारी रहते हैं, तो डॉक्टर से तत्काल संपर्क करें।


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