जानिए कैसे पुंलिस के हत्थे चढ़ा छोटा राजन, किसने लीक की उससे जुड़ी जानकारियां
कभी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ काम करने वाला छोटा राजन अब इंडोनेशिया के बाली में पुलिस की गिरफ्त में है। कई बार वह पहले भी पुलिस को चकमा देकर उसकी नाक के नीचे से फरार हो चुका है। ऐसे में पुलिस उसको लेकर पूरी सतर्कता बरत रही है।
नई दिल्ली। कभी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ काम करने वाला छोटा राजन अब इंडोनेशिया के बाली में पुलिस की गिरफ्त में है। कई बार वह पहले भी पुलिस को चकमा देकर उसकी नाक के नीचे से फरार हो चुका है। ऐसे में पुलिस उसको लेकर पूरी सतर्कता बरत रही है। करीब बीस हत्याओं के मामलों में वांछित छोटा राजन उर्फ मोहन कुमार उर्फ राजेंद्र सदाशिव निखलजे को भारत लाने की भी तैयारी है। छोटा राजन के सीने में डी कंपनी को लेकर कई राज दफन हैं जिन्हें उगलवाने के लिए उसको भारत लाना बेहद जरूरी है। लेकिन इन सभी से पहले छोटा राजन कैसे पकड़ा गया यह जानना भी बेहद जरूरी है।
छोटा राजन को पकड़ने के लिए इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ था। कई देशों की पुलिस जिसकी जगह-जगह खाक छान रही थी वह सात वर्षें से आस्ट्रेलिया में अपनी पहचान छिपा कर रहा था। उसको पकड़ने के लिए आस्ट्रेलियाई पुलिस के साथ इंडोनेशिया की पुलिस ने जाल बिछाया था। इन दोनों की मदद के लिए भारत ने भी सहयोग किया। राजन रविवार को आस्ट्रेलिया से इंडोनेशिया के बाली के लिए रवाना हुआ था। वहां से निकलने की वजह यह भी थी कि दाऊद का गुर्गा छोटा शकील उसको खत्म करना चाहता है।
जब छोटा राजन और अटल सरकार के बीच बना था सीक्रेट प्लान
उसको डर था कि वह दाऊद समेत अन्य लोगों के बारे में सभी राज उगल सकता है। इसके अलावा भी डी कंपनी से अलग होकर दोनों के बीच रंजिशें इस कदर बढ़ गर्इ थीं कि दोनों ही एक दूसरे खत्म कर देने की इच्छा रखते थे। छोटा शकील सिडनी अटैक में भी शामिल था। राजन को पकड़ने के लिए जाल उसके ही गैंग के सदस्य द्वारा लीक की गई जानकारी के बाद बिछाया गया था। यह सदस्य और काेई नहीं बल्कि उसका अपना भाई रवि और विमल था, जो कभी राजन का बेहद करीबी था, लेकिन बाद में उसने छोटा शकील से हाथ मिला लिया था।
दरअसल वह दुबई में एक होटल खोलना चाहता था, जिसमें छोटा शकील ने उसकी मदद करने का भरोसा दिया था। कभी यह दोनों ही छोटा राजन का हवाला कारोबार देखा करते थे। यह दोनों ही मुंबई के रहने वाले हैं। छोटा शकील से मदद मिलने का भरोसा होने पर ही उन्होंने यह जानकारी दी थी कि वह कहां पर है। इसके बाद इस जानकारी को कंफर्म करने के लिए राजन के कुक का इस्तेमाल किया गया। उसने बताया कि वह हर सप्ताह समय बिताने के लिए एक कैफे में जाता है। इन दोनों ने ही छोटा राजन की लेटेस्ट फोटो स्काईपी के जरिए मुहैया करवाई थी।
वह विवाद जिनसे रहा छोटा राजन का नाता
इन दोनों के मुताबिक राजन की सबसे बड़ी कमजोरी पैसा है। उसने किसी भी असाइनमेंट के पूरे पैसे कभी किसी को नहीं दिया। यही वजह थी कि उससे जुड़ी गुप्त सूचनाएं लीक की गईं। इन सभी पर भारतीय खुफिया एजेंसी की पैनी नजर भी थी। करीब एक माह से ऑस्ट्रेलिया की कैनबरा पुलिस मोहन कुमार उर्फ छोटा राजन पर नजर रखे हुए थी। इसके लिए कैनबरा, दिल्ली व इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में तीन कंट्रोल रूम बनाए गए।
खुफिया एजेंसियां लगातार उसकी हर हरकत पर नजर रखे हुए थीं। विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह खुद शुक्रवार को समन्वय के लिए जकार्ता पहुंचे। वहीं दूसरी ओर दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समन्वय कर रहे थे। शनिवार को राजन सिडनी से बाली के लिए निकला, जिसके तुरंत बाद बाली पुलिस को अलर्ट किया गया।रविवार को उसके बाली एयरपोर्ट पर उतरने के तुरंत बाद उसको हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद ही केंद्रीय मंत्री वीके सिंह स्वदेश वापस लौटे।
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