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जानें- आखिर क्‍या है न्‍यू स्‍टार्ट डील, जिसका मुद्दा बाइडन और पुतिन के बीच भी छाया रहा

हाल ही में अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन की रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से हुई मुलाकात कई मायनों में सफल रही है। इस मुलाकात के जरिए दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का जो रोडमैप तैयार हुआ है वो भी काफी खास है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 02:04 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 02:04 PM (IST)
जानें- आखिर क्‍या है न्‍यू स्‍टार्ट डील, जिसका मुद्दा बाइडन और पुतिन के बीच भी छाया रहा
बाइडन और पुतिन के बीच हुई मुलाकात रही सफल

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के बीच एक दशक बाद हुई बातचीत इस बात का सुबूत थी कि दोनों देशों के बीच माहौल इतना नहीं बिगड़ा है कि जिसे सुधारा न जा सके। इस मुलाकात का पूरी दुनिया इंतजार भी कर रही थी और इस पर सभी की निगाहें थीं। दोनों की मुलाकात के बाद जो साझा बयान जारी हुआ वो भी काफी कुछ सुकून देने वाला ही था।

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आपको बता दें कि मुलाकात से पहले तक इस शिखर वार्ता को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। मुलाकात के दौरान भी कुछ ऐसा देखने को मिला जिसको देखकर सब कुछ ठीक न होने की रिपोर्ट मीडिया में आईं, लेकिन अंत सुखद ही रहा। दोनों देशों ने बेहद सूझबूझ के साथ न सिर्फ अपनी बात रखी बल्कि दूसरे की बात सुनी भी। दोनों इस बात पर भी राजी हुए कि तनाव को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए और इस संबंध में आगे भी कदम उठाने होंगे।

बाइडन और पुतिन की स्विटजरलैंड में हुई मुलाकात में कई मुद्दों पर बात हुई। इनमें से एक मुद्दा बेहद खास था जिसको पूरी दुनिया न्‍यू स्‍टार्ट डील (New Strategic Arms Reduction Treaty) के नाम से जानती है। ये डील 8 अप्रैल 2010 में इन दोनों देशों के बीच उस वक्‍त हुई थी जब बाइडन अमेरिका के उपराष्‍ट्रपति थे और पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे। पेराग्‍वे में हुई इस डील पर अमेरिका की तरफ से तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति बराक ओबामा और रूस की तरफ से राष्‍ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने हस्‍ताक्षर किए थे।

इस डील ने ट्रीटी ऑफ मास्‍को (एसओआरटी) की जगह ली थी, जो वर्ष 2012 में खत्‍म हो गई। न्‍यू स्‍टार्ट डील फरवरी 2011 में लागू हुई थी। इस डील के तहत दोनों के बीच रणनीतिक परमाणु हथियारों, बमवर्षकों और मिसाइलों की संख्‍या को सीमित रखने पर सहमति बनी थी। इसके तहत दोनों में से कोई भी देश 1550 से अधिक हथियारों को तैनात नहीं कर सकते थे।

इस मुलाकात के दौरान राष्‍ट्रपति पुतिन ने हथियारों पर नियंत्रण के मामले में बाइडेन के मूल्यांकन का जिक्र करते हुए कहा कि उनके विचार में राष्ट्रपति बाइडेन ने सही वक्त पर एक जिम्मेदाराना कदम उठाया है और न्यू स्टार्ट डील की समयसीमा को बढ़ाकर पांच साल किया है। उनके मुताबिक अब ये डील 5 फरवरी 2026 तक लागू रहेगी।

इस डील के तहत अनडिप्‍लॉएड आईसीबीएम लॉन्‍चर सबमरीन लॉन्‍च बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्‍चर और हैवी बॉम्‍बर की संख्‍या को सीमित कर 800 तक किया गया था और डिप्‍लॉएड के लिए ये संख्‍या 700 रखी गई थी। इस डील में सेटेलाइट और रिमोट मॉनिटरिंग के साथ दोनों देशों की प्रति वर्ष 18 बार ऑनसाइट्स जांच करने की भी छूट दी गई थी।


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