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जानिए, रिजर्व बैंक के ब्याज दर घटाने से कैसे कम होगी आपकी ईएमआइ

रिजर्व बैंक के ब्याज दरें घटाने के फैसले से न सिर्फ लोन लेने वालों को फायदा होगा बल्कि अर्थव्यवस्था में भी नई जान आएगी।

By Brij Bihari ChoubeyEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 12:34 PM (IST)
जानिए, रिजर्व बैंक के ब्याज दर घटाने से कैसे कम होगी आपकी ईएमआइ
जानिए, रिजर्व बैंक के ब्याज दर घटाने से कैसे कम होगी आपकी ईएमआइ

नई दिल्ली (जेएनएन)। आम चुनाव (General Election-2019) से पहले वोटरों को लुभाने में जुटी केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को खुश होने का एक और मौका दे दिया, जब उसने तिमाही मौद्रिक समीक्षा के तहत रेपो रेट में चौथाई फीसदी की कमी की घोषणा कर दी। जाहिर है, देश के केंद्रीय बैंक के इस फैसले से बैंकों पर लोन की ब्याज दरों में कमी करने का दबाव बढ़ेगा। इसलिए, आप उम्मीद कर सकते हैं कि अप्रैल, 2019 में जब बैंक अपनी नई दरों का निर्धारण करेंगे तो लोन की ब्याज दरों में भी कमी आएगी। अगर आपने होम लोन लिया है तो, हम आपको बताते हैं कि कैसे रिजर्व बैंक का यह फैसला आपकी बचत को बढ़ाएगा। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2017 के बाद पहली बार ब्याज दरों में कटौती की है।

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MCLR लोन का क्या होगा
आपको मालूम है कि बैंक अलग-अलग तरह के लोन पर कई तरह से ब्याज दरों की गणना करते हैं। मसलन, मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड रेट यानी एमसीएलआर के साथ जुड़े लोन के मामले में ईएमआइ घटने की संभावना है। लेकिन इसके लिए आपको लोन रिसेट डेट का इंतजार करना पड़ेगा। इस मामले में कुछ बैंक छह महीने की और कुछ एक साल की रिसेट डेट तय करते हैं। ऐसे में आपको ब्याज दरों में कमी के फायदे उठाने के लिए रिसेट डेट का इंतजार करना पड़ेगा।


बेस रेट से बेहतर एमसीएलआर
अब बात करते हैं बेस रेट से जुड़े होम लोन के बारे में। अगर आपका होम लोन बेस रेट या बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) से जुड़ा हुआ है तो आपको तत्काल एमसीएलआर आधारित होम लोन में शिफ्ट कर लेना चाहिए क्योंकि एमसीएलआर और एक्सटर्नल बेंचमार्क आधारित व्यवस्था में ज्यादा पारदर्शिता होती है।


नया लोन लेने वालों के लिए
अगर आप नया होम लेना चाहते हैं तो आपको भी एमसीएलआर आधारित लोन के पक्ष में फैसला करना चाहिए या फिर आपको एक्सटर्नल बेंचमार्क आधारित व्यवस्था का इंतजार करना चाहिए। बैंक अप्रैल, 2019 में इसकी घोषणा करेंगे। नए होम लोन ग्राहकों को प्रधानमंत्री आवास योजना में भी लोन लेने पर विचार करना चाहिए। सरकार ने इसकी अवधि मार्च, 2019 से बढ़ाकर मार्च, 2020 कर दी है।

ऐसे होगा आपका फायदा
फर्ज कीजिए कि आपने 20 साल के लिए 8.8 फीसद की ब्याज दर पर 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है तो आपकी मौजूदा ईएमआइ 26607.10 रुपये बैठ रही है। अब ब्याज दरों में कटौती के बाद यह घटकर 8.55 फीसद हो जाएगी और 20 साल के इसी लोन पर आपकी ईएमआइ घटकर 26129.71 रुपये हो जाएगी। इस तरह आपको हर महीने लोन की किस्त पर 477.39 पैसे की बचत होगी।

बैंक कैसे तय करते हैं रेट
आपको बता दें कि अप्रैल, 2019 से बैंकों को अपनी ब्याज दरें तय करने के मामले में चार एक्सटर्नल बेंचमार्क में से किसी एक का इस्तेमाल करना होगा। ये चार बेंचमार्क इस प्रकार हैं

1- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का रेपो रेट जो इस समय 6.25 फीसद है

2- केंद्र सरकार की 91 दिन के ट्रेजरी बिल की ब्याज दर

3- केंद्र सरकार की 182 दिन के ट्रेजरी बिल की ब्याज दर

4- फाइनेंशियल बेंचमार्क प्राइवेट लिमिटेड की बाजार आधारित ब्याज दर

बेंचमार्क के बाद बैंक लेते हैं मार्जिन

इस बेंचमार्क ब्याज दर पर बैंक अपनी मार्जिन जोड़कर ग्राहक के लिए अंतिम ब्याज दर तय करते हैं। इस मामले में बैंकों को छूट मिली हुई है। इसी आधार पर विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों में अंतर पाया जाता है। बेंचमार्क ब्याज दर पर अधिकतम मार्जिन को कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं है, लेकिन मौजूदा समय में बैंक बेंचमार्क पर दो से तीन फीसद तक का मार्जिन रखकर चलते हैं। इस आधार पर ग्राहक के लिए ब्याज दर (रेपो रेट 6.25+मार्जिन 2-3 फीसद) 8.25 से 9.25 के बीच बैठेगी।


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