CRG Data: Jammu Kashmir में सबसे लंबी आयु जीते हैं लोग, उत्तर प्रदेश सबसे पीछे
जनगणना और रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार जम्मू कश्मीर और केरल में एक साल के बच्चों के सबसे अधिक जीने की संभावना रहती है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। हर किसी के जीवन पर उसके आसपास के वातावरण और माहौल का पूरा असर पड़ता है। एक सर्वे में ये सामने आया है कि जिन राज्यों में प्रदूषण कम है और राज्य का माहौल जीवन के अधिक अनुकूल है वहां पर महिला और पुरुष दोनों का जीवन लंबा होता है। यदि भारत के अलग-अलग राज्यों में लोगों के जीवन की तुलना करें तो ये चीजें अधिक स्पष्ट नजर आती है। जनगणना और रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार जम्मू जैसे राज्य में एक साल तक के बच्चे की जीने की संभावना 74 फीसद होती है जबकि अन्य राज्यों में ये फीसद कम नजर आता है।
बिहार और झारखंड में पुरुष महिलाओं को छोड़ रहे पीछे
इस डेटा से ये भी पता चलता है कि भारत में बिहार और झारखंड ही एकमात्र ऐसे राज्य है जहां औसत जीवन के मामले में पुरुष महिलाओं को पीछे छोड़ देते हैं। केरल एकमात्र ऐसा राज्य है जिसमें गांव के रहने वाले शहर में रहने वालों से अधिक जीवन जीते हैं। एक बच्चा जो 1 वर्ष की आयु तक जीवित रहता है, वह भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में जम्मू और कश्मीर में लंबे समय तक जिंदा रहने की उम्मीद कर सकता है। जनगणना और रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा जारी किए गए डेटा से यह भी पता चलता है कि भारत में बिहार और झारखंड एकमात्र ऐसे राज्य हैं, जहां औसतन पुरुष महिलाओं को पछाड़ते हैं जबकि केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसमें गांव के लोग अपने शहरी लोगों को इस मामले में पीछे छोड़ देते हैं।
चार सालों में औसत उम्र में हुई बढ़ोतरी
भारत में जन्म के लिए जीवन प्रत्याशा (life expectancy)1970-75 में 49.7 मानी जाती थी तो साल 2013-17 में बढ़कर 69 साल हो गई, जो पिछले चार दशकों में 19.3 साल की वृद्धि दर्ज की गई। यद्यपि आधी सदी पहले महिलाओं की तुलना में पुरुषों के लिए जीवन प्रत्याशा (life expectancy)अधिक थी, लेकिन यह प्रवृत्ति 1981-85 से उलट हो गई। भारत अब इस संबंध में ग्लोबल पैटर्न के अनुरूप है। साल 2013-17 में, पुरुषों के लिए 67.8 साल की तुलना में महिला जीवन प्रत्याशा 70.4 साल थी।
पाकिस्तान में औसत उम्र भी कम
संयुक्त राष्ट्र की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार अलग-अलग प्रदेशों और देशों में जीवन प्रत्याशा अलग-अलग है। (2017 में औसत उम्र 72.8 साल), नेपाल (70.6 साल), श्रीलंका (75.5 साल)। पड़ोसी चीन में औसम उम्र 76.4 साल मानी जाती है जबकि पाकिस्तान में तमाम वजहों से वहां के रहने वालों की औसम उम्र 66.6 साल ही पाई गई है। यदि साल 2013-17 को देखें तो यूपी में सबसे कम औसम उम्र 65 साल और केरल में सबसे अधिक 75.2 साल की जीवन प्रत्याशा थी। जनगणना और रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा आयोजित सैंपल पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) की ओर से ये आंकड़े जारी किए गए है। इन्हीं से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पहले वर्ष में जीवित रहने वाले एक बच्चे की जीवन प्रत्याशा सबसे कम थी, उसके बाद असम, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का नंबर आता है।
जम्मू-कश्मीर और पंजाब में अधिक जीते हैं लोग
कोई भी व्यक्ति औसतन 10 साल की उम्र से 40 साल की उम्र में बहुत अधिक बदलाव की उम्मीद नहीं कर सकता है। हालांकि, 60 साल तक जीवित रहने वाले लोग 78 साल तक जीने की उम्मीद कर सकते हैं और 70 साल तक जीने वाले लोग 81.5 साल तक जीने की उम्मीद कर सकते हैं। ये भारत के लिए औसत जीवन प्रत्याशा के आंकड़े हैं लेकिन राज्यों में इनकी संख्या काफी भिन्न है। जम्मू कश्मीर में जीवन प्रत्याशा सबसे अधिक 85 साल पाई गई जबकि पंजाब में ये एक साल कम यानि 84 साल ही पाई गई है। स्पेक्ट्रम के दूसरे छोर पर, छत्तीसगढ़ में अब औसम उम्र 79 वर्ष तक है।
उत्तराखंड और हिमाचल में ज्यादा जीती हैं महिलाएं
आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में महिलाएं पुरुषों की तुलना में लगभग छह साल ज्यादा जीने की उम्मीद कर सकती हैं, जबकि केरल की महिलाएं पुरुषों की तुलना में 5.3 साल ज्यादा जीती हैं। केरल में ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं के लिए जन्म के समय सबसे अधिक जीवन प्रत्याशा दर्ज की गई।
हिमाचल में शहरी क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए उच्चतम दर्ज की गई। जन्म के समय सबसे कम जीवन प्रत्याशा मप्र में ग्रामीण पुरुषों (62.6) और उत्तर प्रदेश में ग्रामीण महिलाओं (64.7) के लिए दर्ज की गई थी। शहरी क्षेत्रों में, जन्म के समय सबसे कम जीवन प्रत्याशा छत्तीसगढ़ और यूपी में पुरुषों (67.1) और महिलाओं के लिए थी।
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