Delhi-NCR Smog: इस तरह के प्रदूषण से दो साल तक कम हो सकती है आपकी उम्र
एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स की ओर से वायु प्रदूषण को सबसे अधिक जीवन अवधि कम करने वाला कारक बताया गया है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। इन दिनों हर ओर वायु प्रदूषण फैला हुआ है। विजिबिलिटी कम हो गई है और सांस लेना मुश्किल हो गया है। ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि बाकी चीजों की तरह ये जहरीली हवाएं आम लोगों की जिंदगी की कितने साल कम कर देती हैं। वैसे तो सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली कई चीजें भी असर डालती हैं मगर वायु प्रदूषण सबसे अधिक असर डालता है। टीबी जैसी गंभीर बीमारी जहां आम लोगों के जीवन अवधि के मात्र 3.5 माह की जिंदगी कम करती है वहीं वायु प्रदूषण उनके जीवन के 1.8 साल की अवधि को कम कर देता है।
ये चीजें जीवन अवधि कम करने के लिए जिम्मेदार
टीबी, मलेरिया, एचआइवी, एड्स, सड़क दुर्घटना, दूषित पानी, शराब, नशीली दवाएं, ध्रूमपान, वायु प्रदूषण जैसे तमाम कारक मनुष्य के जीवन अवधि को कम करते हैं मगर एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसके अनुसार वायु प्रदूषण ही सबसे बड़ा वो कारण है जिसके कारण मनुष्य के जीवन के सबसे अधिक साल कम हो जाते हैं।
जीवन अवधि कम करने वाले कारक
एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स के अनुसार टीबी, मलेरिया, एचआइवी, सड़क दुर्घटना और दूषित पानी जैसी चीजों से मानव जीवन पर असर पड़ता है। इन चीजों का सेवन किए जाने से उसके जीवन की अवधि कम होती है। ये सभी आम लोगों के जीवन के 3.5 माह से 7 माह तक के जीवन को कम कर देती हैं।
शराब नशीली दवाएं
इसके अलावा शराब और नशीली दवाएं भी जीवन अवधि की बागडोर कम करने के लिए जिम्मेदार होती है। कई बार लोग अधिक शराब पी लेते हैं जिसके कारण उनके जीवन को खतरा हो जाता है। नशीली दवाओं का सेवन करना भी उनके जीवन के लिए खतरा होता है। जो इनका लगातार सेवन करते रहते हैं उनका जीवन 11 माह तक कम हो जाता है।
धूम्रपान
कई लोग चैन स्मोकर होते हैं। धूम्रपान करना सेहत के लिए हमेशा से ही हानिकारक रहा है उसके बाद भी लोग इस ओर सचेत नहीं होते हैं। जो लोग नियमित तौर पर स्मोकिंग करते हैं उनके जीवन की अवधि कम हो जाती है। इसके अलावा उनको कैंसर और अन्य बीमारियां भी हो जाती हैं। इसका लगातार सेवन करने वालों का जीवन 1.6 साल तक कम हो जाता है।
वायु प्रदूषण
एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण मानव जीवन को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इससे अकेले ही 1.8 साल तक का जीवन कम हो जाता है। इस वजह से इससे मानव जीवन के लिए सबसे अधिक हानिकारक माना गया है। वायु प्रदूषण के लिए कोई एक जिम्मेदार नहीं होता है मगर इससे बड़े पैमाने पर हर वर्ग के लोग प्रभावित होते हैं। बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग इससे प्रभावित हैं। डॉक्टर गौरव गुप्ता का कहना है कि वायु प्रदूषण की वजह से गर्भवती महिलाओं और उनके पेट में पल रहे बच्चे के जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है।