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क्‍यों 21 दिन भारत को लॉकडाउन करने को मजबूर हुए PM मोदी? असली वजह सोच से ज्‍यादा खतरनाक है

know behind reason lockdown 21 दिन तक पूरे भारत को लॉकडाउन lockdown करने का फैसला लेने के लिए क्‍यों मजबूर हुए प्रधानमंत्री मोदी? इसके पीछे भी एक लॉजिक है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 03:05 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 05:22 PM (IST)
क्‍यों 21 दिन भारत को लॉकडाउन करने को मजबूर हुए PM मोदी? असली वजह सोच से ज्‍यादा खतरनाक है
क्‍यों 21 दिन भारत को लॉकडाउन करने को मजबूर हुए PM मोदी? असली वजह सोच से ज्‍यादा खतरनाक है

नई दिल्‍ली, जेएनएन। india lockdown छह दिन पहले जनता कर्फ्यू और अब भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन lockdown, मतलब सबकुछ बंद। छह दिन में दूसरी बार प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता को संबोधित कर 21 दिनों के लॉकडाउन lockdown का ऐलान किया।

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पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा है कि इन 21 दिनों तक इस देश में कोई भी अपने घर से बाहर कदम नहीं रखेगा। आने वाले 21 दिनों के अंदर हम नहीं संभल सके तो भारत 21 वर्ष पीछे चला जाएगा और इसमें कई परिवार इस वायरस की भेंट चढ़ जाएंगे। 21 दिनों तक घर में रहकर हम देश के साथ ही खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। आखिर 21 दिन में ऐसा क्‍या हो जाएगा? 21 दिन तक पूरे भारत को लॉकडाउन lockdown करने का फैसला लेने के लिए क्‍यों मजबूर हुए प्रधानमंत्री मोदी? इसके पीछे भी एक लॉजिक है।

गौरतलब है कि भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्‍या 582 हो गई है। लिहाजा ये संख्‍या और न बढ़े ये काफी कुछ हम पर निर्भर करता है। पीएम मोदी अपने संबोधन में साफ कर दिया है कि इन 21 दिनों में यदि हम सफल हुए तो खुद को अपने परिवार को और अपने समाज को बचा लेंगे और यदि असफल रहे तो कई परिवारों को खो भी देंगे। हम सभी को संयम बरतना होगा कि चाहे कुछ भी हो जाए हम अपने घर की लक्ष्‍मण रेखा को ना लांघे।

अब हम आपको बताते हैं 21 दिन लॉकडाउन lockdown के पीछे का लॉजिक, जिसका खुद मेडिकल एक्सपर्ट्स ने समर्थन किया है। मेडिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कोरोना वायरस coronavirus 14 दिन तक एक्टिव रहता है, जबकि सात दिन के अंदर मरीज में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। इस लिहाज से सात दिन में पता चल जायेगा कि कौन-कौन कोरोना वायरस coronavirus से संक्रमित है और कौन-कौन नहीं? अगर किसी में भी कोरोना संक्रमण के लक्षण दिख जायेंगे तो उसे और संपर्क में आने वालों को तुरंत इलाज के लिए आइसोलेशन में रखा जायेगा। अगर सभी घर के अंदर होंगे तो पीड़ित बाहर किसी को संक्रमित नहीं कर पाएगा, उसका इलाज और उसके परिवार को क्‍वारंटाइन करना आसान होगा।

इसके अलावा पहले से संक्रमित हो चुके लोगों ने जिस भी बाहरी चीज को छुआ, उसका वायरस इतने समय में अपने आप निष्‍क्रिय हो जाएगा, क्योंकि भीड़भाड़ के कारण कोरोना वायरस coronavirus के संक्रमण की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है। इससे बचने का सबसे कारगर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है, इसको लेकर ही लॉकडाउन lockdown का निर्णय लिया गया है। लॉकडाउन lockdown का मुख्य उद्देश्य अगले 21 दिनों के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग में रखना है, ताकि वायरस को फैलने से खत्म किया जा सके।


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