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PM मोदी के संपूर्ण लॉकडाउन और कर्फ्यू में कितना अंतर, पहले से लागू लॉकडाउन में कितना फर्क?

diffrence between total lockdown and curfew लॉकडाउन का सामना कर चुके लोगों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन और कर्फ्यू में फर्क करना काफी मुश्किल हो गया है। जानें कैसे होगा ?

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2020 09:27 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 05:23 PM (IST)
PM मोदी के संपूर्ण लॉकडाउन और कर्फ्यू में कितना अंतर, पहले से लागू लॉकडाउन में कितना फर्क?
PM मोदी के संपूर्ण लॉकडाउन और कर्फ्यू में कितना अंतर, पहले से लागू लॉकडाउन में कितना फर्क?

दिल्‍ली, जेएनएन। know all diffrence between total lockdown and curfew कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण देश के कई राज्‍यों में कर्फ्यू है और कई राज्‍यों में लॉक लाउन की स्थिति है। पूरे देश में कोविड 19 में स्‍टेज 3 से बचने की कोशिश की जा रही है। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने आज रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन का एलान किया है। साथ ही ये भी स्‍पष्‍ट किया कि इसे कर्फ्यू ही समझिए। देश में ये लॉकडाउन 21 दिन का होगा। आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में जनता कर्फ्यू, लॉकडाउन का सामना कर चुके लोगों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन और कर्फ्यू में फर्क करना काफी मुश्किल हो गया है। हम आपको बताते हैं कि कर्फ्यू और संपूर्ण लॉकडाउन में क्या फर्क होता है और ये मौजूदा लॉकडाउन से कितना सख्‍त होगा?  

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क्‍या होता है लॉकडाउन  

लॉकडाउन एक आपातकाल व्यवस्था होती है, जिसमें जरूरी सेवाएं बंद नहीं की जाती। देश के कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन किया गया है, लेकिन बैंक, डेरी, जरूरी सामान के लिए दुकानें खुली हुई हैं। लोगों को घरों में रहने की अपील की जाती है। उन्‍हें केवल आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। हालांकि इस दौरान आवश्यक सुविधाएं जारी रहती हैं, लेकिन यह भी प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह किन सेवाएं को जारी रखना चाहता है। लॉकडाउन में स्थानीय प्रशासन निजी संस्थानों को बंद करवा देता है और वर्क फ्रॉम होम के आदेश देता है। इसका उद्देश्य यह है कि लोग अपने घरों में ही रहें ताकि किसी तरह का संक्रमण नहीं फैले।

क्‍या होता है संपूर्ण लॉकडाउन

संपूर्ण लॉकडाउन की व्‍यवस्‍था लॉकडाउन से सख्‍त और कर्फ्यू के समान होगी, हालांकि पूरे तरीके से कर्फ्यू नहीं होगी। लॉकडाउन में लोगों को घरों में रहने की अपील की जाती है, लेकिन संपूर्ण लॉकडाउन में इसे सख्‍ती से लागू करवाया जाएगा। लॉकडाउन में दवा और अनाज जैसी जरूरी चीजों के लिए ही बाहर आने की इजाजत मिलती है। बैंक से पैसे निकालने भी जा सकते हैं लेकिन संपूर्ण लॉकडाउन में जरूरी वस्‍तुओं की दुकानें निर्धारित समय तक ही खुली रहेंगी, इसके लिए गृहमंत्रालय से गाइडलाइंस जारी की जाएगी। अगर आप बिना कारण बाहर दिखे तो आपको जेल तक भेजा जा सकता है। अगर लॉकडाउन बेअसर दिखा तो संबंधित पुलिस और प्रशासन के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। प्रशासन की जिम्‍मेदारी होगी कि जरूरी सेवाओं की होम डिलीवरी संभव करवा पाए, ताकि लोगों को इनके लिए सड़क पर न उतरना पड़े।

क्यों करते हैं लॉकडाउन?

किसी तरह के खतरे से इंसान और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। जैसे कोरोना के संक्रमण को लेकर कई देशों में किया गया है। कोरोनावायरस का संक्रमण एक-दूसरे इंसान में न हो इसके लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर कम निकले। बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए कुछ देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है।

किन देशों में है लॉकडाउन?

चीन, डेनमार्क, अल सलवाडोर, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, न्यूजीलैंड, पोलैंड और स्पेन में लॉकडाउन जैसी स्थिति है। चूंकि चीन में ही सबसे पहले कोरोनावायरस संक्रमण का मामला सामने आया था, इसलिए सबसे पहले वहां लॉकडाउन किया गया। इटली में मामला गंभीर होने के बाद वहां के प्रधानमंत्री ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया। उसके बाद स्पेन और फ्रांस ने भी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यही कदम उठाया।

 कब-कब हुआ लॉकडाउन?

अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के बाद वहां तीन दिन का लॉकडाउन किया गया था।  दिसंबर 2005 में न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था। * 19 अप्रैल, 2013 को बोस्टन शहर को आतंकियों की खोज के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था। * नवंबर 2015 में पैरिस हमले के बाद संदिग्धों को पकड़ने के लिए साल 2015 में ब्रुसेल्स में पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था।

 क्‍या होता है कर्फ्यू

लॉकडाउन और कर्फ्यू में काफी फर्क होता है। आमतौर पर कर्फ्यू बेहद गंभीर स्थिति में लगाया जाता है। कर्फ्यू के दौरान लोगों को अपने घरों से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती। चूंकि इसमें छूट बेहद कम होती है, इसलिए कर्फ्यू के दौरान सिर्फ वही सेवाएं चालू रहती हैं, जो बेहद जरूरी हों। कर्फ्यू के तहत लोगों को हिदायत दी जाती है कि वो अपने घरों से बाहर सड़कों पर न निकलें। उल्लंघन करने वाले की गिरफ्तारी हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। कर्फ्यू के दौरान जरूरी सेवाएं जैसे बाजार और बैंकों पर ताला लटका रहता है। जब कर्फ्यू में ढील दी जाती है तभी ये सारी सेवाओं का लाभ घरों में बंद लोगों को मिलता है और वो बाहर निकल सकते हैं।


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