100 किलो वजन के साथ उड़ान भर सकता है ड्रोन, नेवी के लिए खास तौर से हुआ है तैयार; इन खूबियों से है लैस
भारतीय नौसेना के लिए पुणे की एक स्टार्ट कंपनी ने विशेष डिजाइन वाले ड्रोन को तैयार किया है जो 25-30 मिनट में 30 किमी तक उड़ान भर सकेगा। यहां तक कि उड़ान के दौरान किसी तरह की मुश्किल आने पर यह पैराशूट के जरिए इमरजेंसी लैंडिंग भी कर सकता है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। देश की नौसेना में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इस क्रम में पुणे की एक स्टार्ट कंपनी ने नया ड्रोन 'वरुण' बनाया है। इसमें खासियतों की भरमार है। सबसे बड़ी खूबी तो यह है कि यह एक इंसान के साथ उड़ान भर सकता है। उड़ान के दौरान खराबी आने पर पैराशूट के जरिए सुरक्षित लैंडिंग की भी सुविधा है। भारी वजन उठाने की क्षमता रखने वाले इस ड्रोन को सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड ने नाम दिया है 'वरुण (Varuna)'। इस ड्रोन को जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल करने का प्लान है। भारतीय नौसेना की जरूरतों को दिमाग में रखकर इसकी डिजायनिंग की गई है।
100 किग्रा का भार उठाने की है क्षमता
भारतीय नौसेना में जल्द ही इंसानों को लेकर उड़ान भरने वाला ड्रोन शामिल किया जाएगा। 30 मिनट में 30 किमी तक उड़ान भरने की क्षमता वाले इस ड्रोन का नाम वरुण रखा गया है। एयर एंबुलेंस और दूर के इलाकों में सामान के ट्रांसपोर्ट के लिए इस खास ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। महत्वपूर्ण यह है कि इस ड्रोन के जरिए 100 किलोग्राम के वजन को लाया ले जाया जा सकता है। इस ड्रोन की निर्माता कंपनी के को-फाउंडर बब्बर के अनुसार, हवा में तकनीकी खराबी आने के बाद यह ड्रोन सुरक्षित लैंडिंग करने में सक्षम है। दरअसल इसमें पैराशूट है, जो इमरजेंसी में अपने आप खुल जाएगा।
ड्रोन के रोल:-
इसी साल जुलाई में इस ड्रोन की टेस्टिंग की गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि इस तरह के ड्रोन को नौसेना में शामिल करने के बाद देश की सुरक्षा मजबूत होगी। साल 2016 में अमेरिका ने सबसे पहला ड्रोन तैयार किया था।
- हवाई सर्वेक्षण
- पाइपलाइन
- विंडमिल इत्यादि के निरीक्षण
- डिफेंस क्षेत्र में
- सुदूर इलाकों में दवाएं और जरूरी सामग्री पहुंचाने में
- एरियल फोटोग्राफी व सिनेमेटोग्राफी
- एयर टैक्सी
देश में ड्रोन के इस्तेमाल पर हें कुछ प्रतिबंध
DGCA (डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन) से ड्रोनों को उड़ाने के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique Identification Number) लेना आवश्यक होता है। इसके अलावा सैन्य इलाकों या रणनीतिक तौर पर खास इलाके में ड्रोन को उड़ाने की अनुमति नहीं है। किसी भी एयरपोर्ट के आस-पास के 3 किमी के दायरे और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के आस-पास 5 किमी के दायरे में ड्रोन को प्रवेश की इजाजत नहीं है। वहीं दूसरे देशों से सटी सीमा के 25 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन को उड़ाने की इजाजत नहीं है।
सीमा पार से आए ड्रोन पर बीएसएफ के जवानों ने की फायरिंग, 14 करोड़ की हेरोइन बरामद
ड्रोन सहित अन्य उपकरण किराये पर भी ले सकेंगे किसान, खेतों में बीज और कीटनाशक छिड़काव में आएगा काम