Move to Jagran APP

किरण बेदी : पहली महिला आइपीएस अधिकारी का अब तक का सफर

देश की पहली महिला आइपीएस अधिकारी और गांधीवादी नेता अन्ना हजारे की सहयोगी किरण बेदी गुरुवार को भाजपा में शामिल हो सकती हैं। जानिए देश की पहली महिला आइपीएस किरण बेदी का अब तक का सफर।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Thu, 15 Jan 2015 12:46 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jan 2015 01:33 PM (IST)
किरण बेदी : पहली महिला आइपीएस अधिकारी का अब तक का सफर

नई दिल्ली। देश की पहली महिला आइपीएस अधिकारी और गांधीवादी नेता अन्ना हजारे की सहयोगी किरण बेदी गुरुवार को भाजपा में शामिल हो सकती हैं। अमृतसर में जन्मी किरण बेदी एक छोटे परिवार से निकलकर देश की पहली महिला आइपीएस बनीं और अब अपना राजनीतिक करियर शुरू करने जा रही हैं।

prime article banner

नाम : किरण बेदी

पिता : प्रकाश लाल पेशावरिया

माता : प्रेमलता पेशावरिया

बेटी : साइना बेदी

जन्म : 9 जून, 1949, अमृतसर

शिक्षा : किरण बेदी की प्रारंभिक शिक्षा अमृतसर के कॉन्वेंट स्कूल में हुई। सन् 1964-68 में उन्होंने शासकीय कन्या महाविद्यालय, अमृतसर से अंग्रेजी साहित्य ऑनर्स में स्नातक तथा सन् 1968-70 में राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल की।

भारतीय पुलिस में अपनी सेवाओं के दौरान भी उन्होंने पढ़ाई के प्रति अपना मोह नहीं छोड़ा। सन् 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की।

राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, नई दिल्ली से 1993 में सामाजिक विज्ञान में 'नशाखोरी तथा घरेलू हिंसा' विषय पर शोध करके पी.एच.डी. की डिग्री हासिल की। सन् 2005 में किरण बेदी को 'डॉक्टर ऑफ लॉ' की उपाधि से सम्मानित किया गया।

रुचि : बचपन से ही किरण के मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा था, जिसके बूते पर उन्होंने अपनी एक अलग राह चुनी। किरण को बचपन में टेनिस बहुत पसंद था। अपनी बहनों के साथ उन्होंने इस खेल में कई खिताब भी हासिल किए। उस वक्त वे 'पेशावर बहनों' के नाम से विख्यात हुईं। किरण ऑल इंडिया और ऑल एशियन टेनिस चैंपियनिशिप की विजेता भी रहीं।

पदभार : किरण बेदी ने 1970 में अमृतसर खालसा कॉलेज में व्याख्याता के रूप में अपना करियर शुरू किया था। जुलाई 1972 में, वह भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हो गईं। भारतीय पुलिस सेवा में पुलिस महानिदेशक (ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के पद पर पहुंचने वाली किरण एकमात्र भारतीय महिला थीं, जिसे यह गौरव हासिल हुआ।

किरण डीआईजी, चंडीगढ़ गवर्नर की सलाहकार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में डीआईजी तथा यूनाइटेड नेशन्स में एक असाइनमेंट पर भी कार्य कर चुकी हैं।

सम्मान एवं पुरस्कार : उनके मानवीय एवं निडर दृष्टिकोण, पुलिस कार्यप्रणाली एवं जेल सुधारों के लिए अनेक आधुनिक आयाम जुटाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है। निःस्वार्थ कर्त्तव्यपरायणता के लिए उन्हें शौर्य पुरस्कार मिला। इसके अलावा किरण बेदी के अनेक कार्य चर्चा में रहे, जिसके परिणामस्वरूप एशिया का नोबल पुरस्कार कहा जाने वाला रमन मैगसेसे पुरस्कार से उन्हें नवाजा गया।

लोकपाल आंदोलन : किरण बेदी अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ चलने वाले लोकपाल आंदोलन के प्रमुख सदस्यों में से एक रह चुकी हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोंलन में शामिल रही किरण बेदी को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के दौरान गिरफ्तार भी किया गया था।

फिल्म और साहित्य : किरण बेदी के जीवन पर एक गैर कथा फीचर फिल्म 'यश मैडम', 'सर' बन चुकी है, जिसे ऑस्ट्रेलियन फिल्म मेकर मेगन डोनेमन ने प्रोड्यूस किया। इस फिल्म को विश्व के कई फिल्म महोत्सव में दिखाया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK