Sathya Sai Birthday: मात्र 14 साल के राजू सत्यनारायण ने खुद को बताया था अवतार, भक्तों ने बताया 'चमत्कारी'
Sathya Sai Birthday खुद को शिरडी के साईं बाबा का अवतार बताने वाले सत्य साईं के भक्तों की सूची में केवल आम नहीं खास हस्तियों के नाम भी शामिल हैं। उनसे आशीर्वाद लेने वालों में देश के प्रधानमंत्री महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर जज सेना के शीर्ष अधिकारी भी शामिल हैं।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Sathya Sai Birthday: खुद को शिरडी के साईं बाबा का अवतार बताने वाले प्रसिद्ध और विवादित सत्य साईं बाबा के भक्त जहां उन्हें चमत्कारी मानते थे। हालांकि आलोचकों ने सत्य साईं को मात्र एक औसत जादूगर करार दिया था। आलोचकों का एक समूह ऐसा भी था जो उन्हें ढोंगी बताता था। इनका कहना था कि लोगों को मूर्ख बनाकर पैसा ऐंठते हैं और उसी धन से कुछ सामाजिक कामों को कर ढोंग दिखाते हैं।
14 साल में लिया था शिरडी के साईं बाबा का नाम, खुद को बताया उनका अवतार
दक्षिण भारत के एक गांव में 14 साल के बालक ने खुद को अचानक शिरडी के साईं बाबा का अवतार बता दिया था। उस बालक का नाम था राजू सत्यनारायण। उनका जन्म पुट्टपर्ती गांव में 23 नवंबर 1926 को हुआ था। उस वक्त यह गांव मद्रास प्रेसीडेंसी के अंतर्गत आता था। अब यह आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिला में है।
राजनीति से लेकर खेल जगत तक में हैं उनके भक्त
खुद को शिरडी के साईं बाबा का अवतार बताने वाले सत्य साईं के भक्तों की सूची में केवल आम नहीं खास हस्तियों के नाम भी शामिल हैं। उनसे आशीर्वाद लेने वालों में देश के प्रधानमंत्री, महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, जज, सेना के शीर्ष अधिकारी भी शामिल हैं।
2011 में हुआ था निधन
सत्य साईं का निधन साल 2011 के अप्रैल माह में हो गया। इसके बाद भी क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर उन्हें भूले नहीं हैं। निधन के बाद 2017 में क्रिकेटर ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी और उनके कहे गए बातों को याद किया था। उन्होंने लिखा था, ' 92वें जन्मदिन पर श्री सत्य साईं बाबा और उनकी शिक्षाओं को याद कर रहा हूं- सभी से प्रेम करो, सबकी सेवा करो, सहायता करो, कभी दुख मत दो…।'
बिच्छु के काटने के बाद आया बदलाव
ऐसा माना जाता है कि सत्य साईं का परिवार धार्मिक लोकगीत आदि गाने बजाने वाले समुदाय से संबंधित था। बचपन से ही असामान्य क्षमता वाले सत्य साईं का झुकाव अध्यात्म की ओर था।पढ़ाई लिखाई में कम और भक्ति संगीत, नृत्य, नाटक में प्रतिभाशाली सत्य साईं बचपन से ही हवा में भोजन या मिठाई पैदा कर देने जैसे चमत्कार करते थे।
1940 में परिजनों को बताया- मैं हूं साईं बाबा
14 साल के राजू सत्यनारायण को बिच्छु ने काटा और वे घंटों मूर्च्छित रहे। जब होश में आए तो सब बदल गया था। उनका व्यवहार बिल्कुल अलग दिखने लगा, वे लगातार हंसते रहते या शांत हो जाते। कभी-कभी खूब बोलते और बोलते ही जाते। परिवार वाले चिंतित हो गए, उन्हें डाक्टरों से दिखाया। लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। आखिरकार 1940 में सत्या ने परिजनों को बुलाकर कई चमत्कार दिखाए। ऐसा दावा किया गया कि सत्यनारायण के पिता को इसपर काफी गुस्सा आया। उन्हें लगा किसी तरह का टोना टोटका है। इसके बाद ही सत्यनारायण ने ऐलान किया, 'मैं साईं बाबा हूं।'
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