Moon Mission पर काम कर रहे पाकिस्तान के आतंकी, जानें आखिर क्या है प्लानिंग
भारत से लगती पाकिस्तान की सीमा पर एक बार फिर से आतंकियों का जमावड़ा बढ़ रहा है। ये सभी भारत में घुसपैठ की कोशिश में है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना कश्मीर राग अलाप कर वापस स्वदेश लौटे हैं। स्वदेश लौटते ही उन्होंने कश्मीर में फैलाए जा रहे आतंकवाद को जेहाद का नाम देते हुए कहा है कि वह इससे पीछे नहीं हटेंगे। अपनी इस मुहिम को उन्होंने दो तरफा तैयारी के साथ आगे बढ़ाया है। उनकी पहली तैयारी यूएन में दिखाई दी थी और दूसरी तैयारी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर या गुलाम कश्मीर की जमीन पर आतंकी कर रहे हैं। दरअसल, यहां पर आतंकी मून मिशन की तैयारी में पूरे जी-जान से जुटे हैं। ये सुनने में बेहद अजीब लगता है, लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसी के हवाले से यह बात सामने आई है।
घुसपैठ करने की फिराक में आतंकी
आगे बढ़ने से पहले आपको आतंकियों के मून मिशन के बारे में जानकारी दे देते हैं। दरअसल, भारत से लगती पाकिस्तान की सीमा में सैकड़ों की तादात में आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में बैठे हैं। इसके अलावा ये बात भी सामने आ चुकी है कि बालाकोट में एक बार फिर से आतंकियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यहां पर आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है और फिर बाद में उन्हें भारत में हमले के लिए घुसपैठ कराने की कोशिश की जाती है। हम सभी जानते हैं कि आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर में बर्फबारी की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद आतंकियों का घुसपैठ करना और अधिक कठिन हो जाएगा।
आतंकियों का मून मिशन
इससे बचने के लिए आतंकियों ने मून मिशन प्लान किया है। एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी सीमा पार से घुसपैठ करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसके लिए वह चांद रात का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों का प्लान रात दो बजे से 5 बजे के बीच में घुसपैठ कर भारतीय सीमा में घुसने का है। ये समय ऐसा है जब पाकिस्तान से लगती राज्य की 202 किमी की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नाइट विजन डिवाइस पूरी तरह से एक्टिवेट नहीं होते हैं।
रिपोर्ट का आधार
एनआईए ने अपनी इस रिपोर्ट को जम्मू कश्मीर पुलिस से भी साझा किया है। इस रिपोर्ट को तैयार करने से पहले विशेषज्ञों ने करीब तीन दर्जन आतंकी हमलों और सुरक्षाबलों से हुई आतंकी मुठभेड़ों का भी विश्लेषण किया है।इसमें आतंकियों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड, ICOM VHF सेट की रिकवरी और आतंकी मामलों में आरोपी बनने वालों की स्टेटमेंट को भी शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा ने अपनी लोकेशन के साथ अपने उन कॉटेक्ट्स का भी जिक्र किया है जो कश्मीर में बैठे हैं।
नेशनल हाइवे का इस्तेमाल
रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में हमले के लिए जैश और लश्कर के आतंकी सांबा-जम्मू-उधमपुर और सांबा-मांसा-उधमपुर नेशनल हाईवे का इस्तेमाल पहले भी कर चुके हैं। वर्ष 2016 और 2018 में इस रास्ते से किए गए जम्मू में किए गए हमलों में 20 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि कश्मीर में बैठे आतंकी इसके लिए ट्रक का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमले के लिए आतंकी सांबा, दयालचक से आ सकते हैं। हमले करने से दो दिन पहले सीमा पार बैठे जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर सकते हैं।
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