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Pitr Paksha: पूर्व पीएम अटल बिहारी को तर्पण, गंगा के तट पर इस महिला ने किया पिण्डदान

कानपुर में गंगा नदी किनारे रविवार की सुबह सरसैया घाट पर प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का पिण्डदान और श्राद्ध किया गया। उनकी पौत्री नंदिता मिश्रा ने पिण्डदान किया।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 02:19 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 03:07 PM (IST)
Pitr Paksha:  पूर्व पीएम अटल बिहारी को तर्पण, गंगा के तट पर इस महिला ने किया पिण्डदान
Pitr Paksha: पूर्व पीएम अटल बिहारी को तर्पण, गंगा के तट पर इस महिला ने किया पिण्डदान

नई दिल्ली, एएनआइ। कानपुर में गंगा नदी किनारे सरसैया घाट पर रविवार को महिलाओं ने अपने पूर्वजों का तपर्ण किया। जी, हां आपने सही पढ़ा महिलाओं ने अपने पूर्वजों का तर्पण किया। अक्सर पितृपक्ष में यह काम पुरुषों द्वारा किया जाता है, लेकिन कानपुर के इस घाट पर हर साल महिलाएं अपने पूर्वजों की आत्मशांति के लिए पिण्डदान और श्राद्ध करती हैं। इस दौरान यहां पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का पिण्डदान और श्राद्ध किया गया। उनकी पौत्री नंदिता मिश्रा ने पिण्डदान और श्राद्ध किया।

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कौन हैं नंदिता

दरअसल, नंदिता, दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के बड़े भाई प्रेम बिहारी वाजपेयी की पौत्री हैं। उनकी शादी पांडुनगर के रहने वाले राजेंद्र मिश्रा बब्‍बू के छोटे बेटे सुमित मिश्रा से हुई है। नंदिता, दर्जनभर से ज्यादा महिलाओं के साथ सरसैया घाट पहुंची। मां गंगा के घाट पर उन्होंने पूरे विधि-विधान से अटल जी का तर्पण किया और उनकी आत्मशांति के लिए प्रार्थना की। 

सरसैया घाट से अटल जी का लगाव

गौरतलब है कि अटल की मृत्यु अगस्त 2018 में हुई थी। पिछले साल भी नंदिता ने अटल जी का पिण्डदान और श्राद्ध किया था। इस दौरान उन्होंने बताया था कि अटल जी का सरसैया घाट से बहुत लगाव था। वो स्कूल के दिनों में यहीं आकर अपने मित्रों को कविताएं सुनाया करते थे।

पितृपक्ष में क्यों करते हैं पूर्वजों का श्राद्ध 

बता दें कि आज पितृपक्ष अष्टमी है। 28 सितंबर तक पूर्वजों का श्राद्ध किया जा सकता है। माना जाता है पितृपक्ष के समय पू्र्वज धरती पर आते हैं। इसलिए उनके नाम से ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराने के साथ दान आदि भी कराया जाता है। जो लोग ऐसा नहीं करते उनके पितर भूखे-प्यासे ही धरती से लौट जाते हैं। इससे परिवार पर पितृ दोष लगता है।


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