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अाइए जानते हैं अाखिर कौन है हाफिज सईद !

मुंबई आतंकी हमले का मास्‍टरमाइंड हाफिज मोहम्मद सईद ने मुंबई हमले की निंदा की है। हमेशा कश्‍मीर में जेहाद और भारत के खिलाफ आग उगलने वाले सईद द्वारा मुंबई हमले की निंदा करना हास्‍यास्‍पद लगता है। इसके ऊपर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है लेकिन

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 09:16 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 12:31 PM (IST)
अाइए जानते हैं अाखिर कौन है हाफिज सईद !

नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज मोहम्मद सईद ने मुंबई हमले की निंदा की है। हमेशा कश्मीर में जेहाद और भारत के खिलाफ आग उगलने वाले सईद द्वारा मुंबई हमले की निंदा करना हास्यास्पद लगता है। इसके ऊपर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है लेकिन वह पाकिस्तान में बेखौफ घूम रहा है। आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर कौन है ये हाफिज सईद :-

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आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और वर्तमान में जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा में 10 मार्च 1950 को हुआ था। वह भारत की सर्वाधिक वांछित अपराधियों की सूची में शामिल है। मुंबई की 26/11 हमले में उसका हाथ होने की बात सामने आई थी जिसमें छह अमेरिकी नागरिक समेत 166 लोग मारे गए थे। भारत तब से पाकिस्तान से लगातार उसे सौंपने को कहता रहा है।

अमेरिका ने दुनिया में 'आंतकवाद के लिए जिम्मेदार' लोगों की सूची जारी की है उसमें हाफिज सईद का भी नाम है। उस पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। मजे की बात यह है कि वह आजादी से पाकिस्तान में घूम रहा है और सार्वजानिक तौर पर सभाओं को संबोधित कर रहा है।

सईद अरबी और इंजीनियरिंग का पूर्व प्राध्यापक रहा है। वह जमात-उद-दावा का संस्थापक है। यह एक चरमपंथी इस्लामी संगठन है जिसका मकसद भारत के कुछ हिस्सों और पाकिस्तान में इस्लामी शासन स्थापित करना है। हाफिज ने यह संगठन तब बनाया था जब पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

मुंबई आतंकी हमलों में उसकी भूमिका को लेकर भारत ने सईद के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी कर रखा है, वहीं अमेरिका ने उसे विशेष निगरानी सूची में रखा है।

11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए हमलों के बाद लश्कर-ए-तैयबा पर दुनिया की नजरें टिकीं और अमेरिका ने लश्कर को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था। वर्ष 2002 में पाकिस्तानी सरकार ने भी लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम जमात-उद-दावा रखा, हालांकि हाफिज सईद इस बात से इन्कार करता है कि जमात-उद-दावा का लश्कर से कोई संबंध है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई आतंकी हमलों के तुरंत बाद दिसंबर 2008 में जमात-उत-दावा को आतंकी संगठन घोषित किया था। मुंबई हमलों के बाद सईद को अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए छह महीने से कम समय तक नजरबंद रखा गया था। लाहौर हाई कोर्ट के आदेश के बाद उसे 2009 में रिहा कर दिया गया था।

पाकिस्तान में भी जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध है लेकिन वह जिहाद के लिए पैसा जुटाता है, उसका प्रमुख हाफिज सईद खुलेआम जिहाद के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी करता रहता है।

हाफिज सईद ने अफगानिस्तान में जिहाद का प्रचार करने और लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए 1985 में जमात-उद-दावा-वल-इरशाद की स्थापना की और लश्कर-ए-तैयबा उसकी शाखा बनी। 1990 के बाद जब सोवियत सैनिक अफगानिस्तान से निकल गए तो हाफिज सईद ने अपने मिशन को कश्मीर की तरफ मोड़ दिया। कश्मीर में आतंकी कार्रवाइयां करने वाला सबसे बड़ा पाकिस्तानी संगठन लश्कर-ए-तैयबा है, लश्कर और आइएसआइ के रिश्तों के सुराग अनेक बार मिल चुके हैं। भारत सरकार 2003, 2005 और 2008 में हुए आतंकी हमलों के लिए लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदारी मानती है। भारतीय संसद पर हमले की कड़ी भी इसी गुट से जुड़ती है।

पढ़ें : आइए जानें, उन बड़े आतंकी हमलों के बारे में जिसे लश्कर ने दिया अंजाम


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