अपहरणकर्ता निकली बांग्लादेशी, देह व्यापार के लिए आई थी मुंबई, जानें पूरी कहानी
इंदौर में स्कूलकर्मी का अपहरण कर फिरौती मांगने वाले गिरोह ने चौंकाने वाला राजफाश किया है। गिरोह की सरगना बांग्लादेशी महिला है।
इंदौर, राज्य ब्यूरो। इंदौर में स्कूलकर्मी का अपहरण कर फिरौती मांगने वाले गिरोह ने चौंकाने वाला राजफाश किया है। गिरोह की सरगना बांग्लादेशी महिला है। वह 10 साल पहले देह व्यापार के इरादे से मुंबई आई थी। उसने बांग्लादेश और भारत में अलग-अलग पासपोर्ट बनवा लिए थे। उसने एक ड्राइवर से प्रेम विवाह कर लिया और जाली नोट भी छापने लगी। पुलिस ने गुरुवार को इस मामले में उसके तीन सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है। इसमें एक आरटीओ एजेंट है। आरोपितों से नकली सीलें, फर्जी अंकसूचियां, जाली नोट, प्रिंटर, फोटोकॉपी मशीन बरामद हुई हैं। गौरतलब है कि सरगना और उसके तीन अन्य साथी सात फरवरी से ही पुलिस रिमांड पर हैं।
गिरफ्तार चार आरोपितों से पूछताछ में मिली जानकारी
डीआइजी रुचि वर्धन मिश्र के मुताबिक, पांच फरवरी को गौरीनगर निवासी अनिल पाल का आरोपित किशोर उत्तम खंडारे, उसकी पत्नी मेघा खंडारे, साथी रोनी रोहित शेख और उसकी प्रेमिका लीमा हैदर हलधर ने अपहरण कर लिया था। सात फरवरी को इन चारों को गिरफ्तार कर अनिल को मुक्त करा लिया गया था। आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि गिरोह की सरगना मेघा है। उसका असली नाम बेगम खातून अब्दुल शेख है और वह मूलत: धूलिया सतखिला बांग्लादेश की रहने वाली है। करीब 10 साल पहले वह मुंबई आई थी। यहां सपना नामक महिला से मिली और देह व्यापार में लिप्त हो गई।
दो अन्य आरोपित भी बांग्लादेश के, अवैध रूप से रह रहे थे
तीन साल पूर्व उसकी मुलाकात नासिक में किशोर (ड्राइवर) से हुई और दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद वह दोबारा बांग्लादेश गई और बेगम खातून के नाम से पासपोर्ट बनवाकर वीसा लेकर भारत आ गई। वर्ष 2017 में दोनों इंदौर आ गए और अलग-अलग क्षेत्रों में एस्कोर्ट सर्विस के माध्यम से देह व्यापार शुरू कर दिया। इनकी मुलाकात इसी साल जनवरी में रोनी शेख व लीमा से हुई और उन्हें भी देह व्यापार से जोड़ लिया। रोनी और लीमा भी मूलत: कठुआ जिला बागेरहट बांग्लादेश के हैं और शहर में अवैध रूप से रह रहे थे।
मकान मालिक से अनुबंध करवा आधार-पासपोर्ट बनवाया
एएसपी (पूर्वी-3) डॉ. प्रशांत चौबे के मुताबिक, बांग्लादेश से बने पासपोर्ट की वैधता समाप्त होने पर बेगम खातून ने मेघा के नाम से नया पासपोर्ट बनवा लिया। उसने मकान मालिक से अनुबंध करवाया और आधार कार्ड में इंदौर का पता अपडेट करवा लिया। इसी दौरान कम्प्यूटर दुकान चलाने वाले शिवकुमार बृजभानसिंह यादव व अशोक तोताराम अग्रवाल से संपर्क हुआ और उसने अपनी आठवीं कक्षा की फर्जी अंकसूची बनवा ली। पुलिस ने यादव और अग्रवाल को भी फर्जी अंकसूची बनाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
फोटो कॉपी मशीन पर छापे जाली नोट, पीथमपुर-महू में खपाए
एएसपी के मुताबिक, आरोपित अग्रवाल और यादव ने यह भी कुबूला कि वे सालों से जाली अंकसूची बना रहे हैं। उनका आरटीओ एजेंट बाबूलाल नारायण गौड़ से संपर्क है। गौड़ अशिक्षित लोगों का लाइसेंस बनवाने के लिए फर्जी अंकसूची खरीदता था। उसे भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपित किशोर व मेघा ने बताया कि वर्ष 2018 में विश्वास नगर में रहते थे। इस दौरान दोनों कलर प्रिंटर और फोटो कॉपी मशीन के माध्यम से 100, 200, 500 के जाली नोट छाप चुके हैं। ज्यादातर नोट महू व पीथमपुर क्षेत्र में खपाए थे।