अगवा सूफी मौलवी पाक में सुरक्षित, सोमवार को आएंगे भारत: सुषमा स्वराज
जिस तरह से हवाई अड्डे से उन्हें गायब किया गया, उसे कोई अन्य संगठन अंजाम नहीं दे सकता।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । पाकिस्तान में गायब हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के दोनों पीरजादे आसिफ अली निजामी और नाजिम अली निजामी मिल गए हैं। इस संबंध में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर बताया कि उनकी दोनों सूफी मौलवियों से बातचीत हुई है। दोनों मौलवी सुरक्षित हैं और सोमवार को भारत आएेंगे।
I just spoke to Syed Nazim Ali Nizami in Karachi. He told me that they are safe and will be back in Delhi tomorrow: EAM Sushma Swaraj pic.twitter.com/9Tv3DDP3bY
— ANI (@ANI_news) March 19, 2017
चार दिन पहले लाहौर हवाई अड्डे से गायब हुए दोनों पीरजादे शनिवार देर शाम कराची में पाए गए। वैसे बीते चार दिनों तक वे कहां गायब रहे, इस बारे में कोई ठोस खबर नहीं मिल पाई है। माना जा रहा है कि उनके अचानक गायब होने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हाथ है। जिस तरह से हवाई अड्डे से उन्हें गायब किया गया, उसे कोई अन्य संगठन अंजाम नहीं दे सकता।
उनकी गुमशुदगी पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से बात की। उसके कुछ ही घंटे बाद दोनों को कराची में देखा गया। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, दोनों पीरजादे सोमवार को भारत पहुंच जाएंगे।
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देर शाम पाकिस्तान सरकार ने भारत को बता दिया कि आसिफ निजामी और नाजिम निजामी को खोज लिया गया है और उन्हें कराची लाया गया है। यह सूचना पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायोग को दी है। इसके पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर बताया कि उन्होंने पीरजादों की गुमशुदगी के बारे में सरताज अजीज से बात की है। अजीज ने उन्हें पूरा भरोसा दिलाया है कि पाकिस्तानी एजेंसियां उन्हें खोज निकालने की पूरी कोशिश करेगी। जब सुषमा ने अजीज को फोन किया तब वह लंदन में थे।
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इस बातचीत के कुछ ही देर बाद पाकिस्तान की मीडिया में यह खबर दिखाई जाने लगी कि दिल्ली स्थित निजामुद्दीन दरगाह के दोनों पीरजादे मिल गए हैं। एक टीवी चैनल ने यह खबर चलाई कि एक पीरजादा को सिंध में देखा गया, जबकि दूसरे को कराची में। निजामुद्दीन दरगाह के ये दोनों पीरजादे पाकिस्तान में सूफी दरगाहों की धार्मिक यात्रा पर गए थे। लाहौर में दाता दरबार दरगाह पर चादर चढ़ाने के बाद कराची लौटते वक्त वे गायब हो गए।