'खाप पंचायत' पर बोले खट्टर, नहीं लगाया 'भारत माता की जय’ का नारा
समारोह में शरीक होने देवबंद आए खट्टर ने खाप पंचायत की तारीफ की पर 'भारत माता की जय' का नारा नहीं लगाया।
देवबंद (सहारनपुर), जेएनएन। ‘भारत माता की जय’ के विरोध में जिस उप्र के देवबंद के दारूल उलूम से फतवा जारी हुआ, उसी देवबंद में शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर चुप्पी साध गए। खाप पंचायतों को लेकर जरूर उन्होंने कहा कि खाप पंचायतें समाज की 'उपयोगी संस्थाएं’ हैं जो समाज सुधार के काम को आगे बढ़ाती हैं। ऐसे में किसी सरकार की हिम्मत नही है जो उन पर रोक लगाए।
गुड़गांव अब गुरुग्राम और मेवात जिला नूंह के नाम से जाना जाएगा
देवबंद के गांव चंदेना कोली राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी अतर सिंह के के पुत्र की सगाई समारोह में आए मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि खाप पंचायतों का अपना मजबूत आधार है और उन पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, इनका गठन सरकार द्वारा नहीं किया गया है। ये खाप पंचायतें पिछले 800 सालों से हैं। इन पंचायतों को उन्हीं इलाकों के लोगों ने बनाया था। उन्होंने दहेज व्यवस्था के खिलाफ खड़े होने, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और लैंगिक अनुपात जैसे मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाने समेत विभिन्न समाज सुधार के काम किए हैं।
गोवध और गोमांस खाने के मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा,'हमने अपने राज्य में गोवध पर प्रतिबंध लगा दिया है और हमें मुस्लिमों का भी समर्थन हासिल है। जाट आरक्षण की तरह ही इस पर भी राज्य विधानसभा में विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया है। उप्र में भी गोवध पर प्रतिबंध है, पर इसे सख्ती से लागू नही किया जा रहा है। इसी कारण हरियाणा-उप्र की सीमा पर गो तस्करी की घटनाएं बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के पिछले शासनकाल में भ्रष्टाचार बहुत अधिक था। हमने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार किया है। भ्रष्टाचार को हम कतई बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं। हमने कामकाज में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित की है। वैसे भी जाट आरक्षण आन्दोलन के रूप में कांग्रेस ने जिस तरह की सियासत की है, उससे यह साबित हो गया है कि कांग्रेस अंग्रेजों की विरासत को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने खुलासा किया कि जाट आरक्षण विधेयक में जाटों के अलावा सिख जाट, त्यागी, बिश्नोई और रोड़ जातियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि गुडगांव का नामकरण जनता की मांग पर 'गुरुग्राम' किया गया है।
हरियाणा में जाटों को मिला आरक्षण, राज्यपाल ने लगाई मुहर
ऐसे ही मेवात जिले का नाम बदलकर नूह किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा भागवत गीता की ऐतिहासिक भूमि है और गुडग़ांव शिक्षा का केंद्र रहा है. उन्होंने कहा,''यह गुरु द्रोणाचार्य के समय से गुडगांव के नाम से जाना जाता था। गुडगांव शिक्षा का महान केंद्र था जहां राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी। इसलिए लंबे समय से लोग मांग कर रहे थे कि गुडगांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया जाए। उनके साथ हरियाणा के राज्यपाल कप्तान ङ्क्षसह सोलंकी , केबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देववृत्त शास्त्री, विस अध्यक्ष हरियाणा कुंवर पाल गुर्जर आदि मौजूद रहे। सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध रहे।