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खाप पंचायतों ने कहा समगोत्र विवाह नामंजूर

जाट आरक्षण, समगोत्र विवाह समेत कई मुद्दों पर खाप पंचायतों ने एक बार फिर तीखे तेवर दिखाए हैं। बुधवार को हुई सर्वखाप पंचायत में सरकार को चेताया गया कि समगोत्र विवाह किसी सूरत में स्वीकार नहीं होगा। स्व. दादा घासीराम मलिक की 146वीं जयंती पर गांव डाबौदा खुर्द में हुई खापों की महापंचायत

By Edited By: Published: Wed, 19 Feb 2014 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2014 12:03 AM (IST)
खाप पंचायतों ने कहा समगोत्र विवाह नामंजूर

जागरण संवाददाता, झज्जर। जाट आरक्षण, समगोत्र विवाह समेत कई मुद्दों पर खाप पंचायतों ने एक बार फिर तीखे तेवर दिखाए हैं। बुधवार को हुई सर्वखाप पंचायत में सरकार को चेताया गया कि समगोत्र विवाह किसी सूरत में स्वीकार नहीं होगा।

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स्व. दादा घासीराम मलिक की 146वीं जयंती पर गांव डाबौदा खुर्द में हुई खापों की महापंचायत में कई सामाजिक कुरीतियां भी निशाने पर रहीं। दिल्ली, राजस्थान व उत्तरप्रदेश से आए खाप नेताओं की मौजूदगी में हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव को समय की मांग बताते हुए पंचायत में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया और सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि कानून में जल्द ही बदलाव नहीं किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू होगा। दहेज को कई वक्ताओं ने गलत ठहराया। साथ ही डीजे बजाने पर भी प्रतिबंध का आह्वान किया गया। इससे पूर्व गठवाला यानी मलिक खाप के प्रधान दादा बलजीत सिंह मलिक की अध्यक्षता में शुरू हुई महापंचायत में भ्रूण हत्या, ऑनर किलिंग, मृत्यु भोज तथा हिंदू मेरिज एक्ट विषयों पर विभिन्न खापों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।

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धनखड़ खाप के प्रतिनिधि ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट 1954 में एक गांव एवं एक गौत्र में विवाह करने पर कोई पाबंदी नहीं है जबकि हमारे सदियों पुराने सामाजिक रीति-रिवाज व रवायतों के मुताबिक ऐसे विवाह गैर-कानूनी हैं। महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली डॉ. संतोष दहिया ने खाप पंचायतों में महिलाओं को शामिल करने की जोरदार तरीके से पैरवी की।

महापंचायत के दौरान उत्तरप्रदेश से आए खाप नेताओं ने मुज्जाफरनगर में हुए दंगों की कड़ी निंदा की तथा जाटों को इस तरह के झगड़ों से निपटने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। महापंचायत में पूर्व संसद सदस्य एवं हजकां नेता धर्मपाल मलिक ने भी अपने विचार रखे।

कई वक्ताओं ने ऑनर किलिंग को लेकर खापों का बचाव करते हुए साफ किया कि ऐसे मामलों से खापों को जोड़ना तो उनकी पवित्रता पर सवाल उठाना है।

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