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बाढ़ की तबाही के बाद अब केरल पर मंडरा रहा सूखे का खतरा, सूख रहे हैं नदी और कुएं

केरल अब नई परेशानियों में घिरा नजर आ रहा है। राज्य में नदियां और कुएं सूखने लगे हैं। कई हिस्सों में भूजल का स्तर काफी गिर रहा है।

By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 08:51 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 10:24 AM (IST)
बाढ़ की तबाही के बाद अब केरल पर मंडरा रहा सूखे का खतरा, सूख रहे हैं नदी और कुएं
बाढ़ की तबाही के बाद अब केरल पर मंडरा रहा सूखे का खतरा, सूख रहे हैं नदी और कुएं

तिरुअनंतपुरम (प्रेट्र)। बाढ़ की त्रासदी का सामना कर चुका केरल अब नई परेशानियों में घिरा नजर आ रहा है। राज्य में नदियां और कुएं सूखने लगे हैं। कई हिस्सों में भूजल का स्तर काफी गिर रहा है। राज्य सरकार ने बाढ़ के बाद उत्पन्न सूखे जैसी स्थिति का वैज्ञानिक अध्ययन कराने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य विज्ञान, तकनीक एवं पर्यावरण परिषद को प्रदेश में बाढ़ के बाद की स्थिति का अध्ययन करने और उत्पन्न समस्या का समाधान सुझाने का निर्देश दिया है।

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बाढ़ के बाद पिछले महीने डेंगू का भी सामना कर चुके केरल के विभिन्न हिस्सों से कई चिंताजनक जानकारी सामने आई है। पेरियार, भरतपुझा, पंपा और कबानी सहित अधिकांश नदियां बाढ़ के दौरान उफन रही थीं। अब इसमें पानी का स्तर असामान्य रूप से नीचे जाने लगा है। कई जिलों से कुओं के सूखने के साथ ही उनके बैठ जाने की भी खबरें मिल रही हैं।

इलाज कराने अमेरिका गए मुख्यमंत्री विजयन ने फेसबुक पोस्ट में कहा है, 'जल संसाधन प्रबंधन केंद्र को जलस्तर में गिरावट, भूजल में बदलाव और भूमि में दरार का अध्ययन करने का जिम्मा सौंपा गया है।' इसके साथ ही जैव विविधता एवं अन्य मुद्दों की जवाबदेही अलग-अलग संस्थाओं को सौंपी गई है। सड़क एवं पुल का अध्ययन राष्ट्रीय परिवहन योजना एवं अनुसंधान केंद्र करेगा।

भूमि संरचना में भी आया है बदलाव

बाढ़ के कारण कई स्थानों पर भूमि संरचना में भी बदलाव आ गया है। ऊंचाई वाली जगहों पर एक-एक किलोमीटर लंबी दरार पैदा हो गई है। यह स्थिति खास तौर से इडुक्की और वायनाड जिले में उत्पन्न हुई है। इन दोनों जिलों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुए थे।

केंचुए को मान रहे बदलाव का कारण 

बाढ़ से प्रभावित रहा वायनाड जिला जैव विविधता का धनी माना जाता है। हाल ही में जिले में बड़ी संख्या में भयानक केंचुओं की मौजूदगी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसान इसे धरती के तेजी से शुष्क हो जाने और मिट्टी के ढांचे में बदलाव का कारण मानते हैं।

बाढ़ से राज्य को 40,000 करोड़ का नुकसान हुआ

राज्य के उद्योग मंत्री ईपी जयराजन ने बुधवार को कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार बाढ़ से प्रदेश को 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य गुरुवार को अपना मेमोरेंडम केंद्र को सौंप प्रारंभिक अनुमान के आधार पर मुआवजे की मांग करेगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि केरल सरकार गुरुवार को बाढ़ से प्रभावित हर परिवार को 10,000 रुपये का मुआवजा सौंपने का काम पूरा करेगी।


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