मूसलाधार बारिश से बेहाल केरल, स्कूल बंद; रेल सेवाएं प्रभावित
केरल में भारी बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई ट्रेनों को रद कर गया है, वहीं स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दक्षिण भारतीय राज्य केरल में पिछले एक हफ्ते से जारी बारिश आम लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह जलभराव होने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गयी हैं, तेज बारिश की वजह से राज्य में बाढ़ की स्थिती उत्पन्न हो गई है। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर जाने के बाद लोगों को राहत शिविरों में भेजा जा रहा है। बाढ़ का असर रेल सेवाओं पर भी साफ दिखाई दे रहा है, कई ट्रेनों को रद कर दिया गया है। एर्नाकुलम में भारी बारिश की वजह से जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों सहित 12वीं तक के सभी स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए हैं।
रेल सेवाएं बाधित
भारी बारिश और बाढ़ के कारण केरल में रेल सेवाएं भी बाधित हो गई हैं। बारिश के कारण रेलवे लाइन भी पानी में डूब गई है। कोट्टायम से एट्टुमानूर जाने वाली 10 ट्रेनों को पूरी तरह से रद कर दिया गया है। रेल पुलों के नीचे लगातार बारिश के कारण पानी भर गया है, जिसकी वजह से एर्नाकुलम से पुनालूर जानी वाली 2 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद कर दिया गया है।
राहत शिविरों में भेजे गए 34,000 लोग
भारी बारिश के कारण केरल के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर जाने के बाद लगभग 34,000 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के दूसरे दौर में करीब 36 मकान नष्ट हो गए जबकि 1214 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। नियंत्रण कक्ष अधिकारियों ने कहा कि कई स्थानों पर बाढ़ का पानी नहीं घटा है। कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कई हिस्सों में अब भी बाढ़ का पानी जमा है। निचले इलाकों में रह रहे लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है। हालांकि, कई राहत शिविर भी जलमग्न हो गए हैं।
आम जन-जीवन ठप
केरल के आठ जिलों में दक्षिण पश्चिम मानसून के चलते जन-जीवन ठप हो गया है। भारी बारिश के चलते तिरूवनंतपुरम, कोल्लम, पथानामथिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम, ईडुक्की, एर्नाकुलम और त्रिचूर के जिला प्रशासन ने शैक्षणिक संस्थाओं में सोमवार से अवकाश घोषित कर दिया था। केरल विश्वविद्यालय ने मंगलवार से 21 जुलाई के बीच होने वाली सभी परीक्षाओं को रद कर दिए गए थे।
12 लोगों की मौत
मानसून के सक्रिय होने के बाद बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है और छह लोग लापता हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के दूसरे दौर में करीब 36 मकान नष्ट हो गए, जबकि 1214 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। नियंत्रण कक्ष अधिकारियों ने कहा कि कई स्थानों पर बाढ़ का पानी नहीं घटा है। कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कई हिस्सों में अब भी बाढ़ का पानी जमा है। निचले इलाकों में रह रहे लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है। हालांकि, कई राहत शिविर भी जलमग्न हो गए हैं। राहत कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 45 सदस्यीय एक टीम भी तैनात की गई है।