मासिक पूजा के लिए खोला जाएगा केरल का सबरीमाला मंदिर, जानें क्या होगा प्रोटोकाल
सबरीमाला मंदिर 17 से 21 जुलाई तक मासिक पूजा के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। इसमें कोरोना के मामलों को लेकर सख्ती बरती जाएगी। इसके तहत 48 घंटे के भीतर जारी पूर्ण कोविड टीकाकरण प्रमाण पत्र या आरटीपीसीआर (RTPCR) नकारात्मक रिपोर्ट वाले भक्तों को अनुमति दी जाएगी।
तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। केरल में कोरोना के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी बीच वहां का सबरीमाला मंदिर 17 से 21 जुलाई तक मासिक पूजा के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। इसमें कोरोना के मामलों को लेकर सख्ती बरती जाएगी। इसके तहत 48 घंटे के भीतर जारी पूर्ण कोविड टीकाकरण प्रमाण पत्र या आरटीपीसीआर (RTPCR) नकारात्मक रिपोर्ट वाले भक्तों को अनुमति दी जाएगी। ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली के माध्यम से अधिकतम 5,000 भक्तों को अनुमति दी जाएगी!
Kerala's Sabarimala temple to be opened for devotees from July 17 to 21 for monthly puja. Devotees with complete COVID vaccination certificates or RTPCR negative report, issued within 48 hrs, will be allowed. Maximum of 5,000 devotees will be allowed through online booking system pic.twitter.com/qvmKoIWjBN
— ANI (@ANI) July 10, 2021
इससे पहले केरल में 19 से 28 मार्च तक उथरम उत्सव (Uthram festival) के लिए सबरीमाला मंदिर खोला गया था। यहां पूजा-पाठ के लिए पहुंच रहे भक्तों का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी।
पहले भी भक्तों के लिए मंदिर के खुल चुके हैं द्वार
बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते सबरीमाला मंदिर को बंद करने के आदेश दिए गए थे। दिसंबर महीने में भी भक्तों के लिए सबरीमाला मंदिर के द्वार कई बार खोले गए थे। इस दौरान मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं की संख्या को कम करने के बजाए बढ़ा दी गई थी।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि हर दिन 5000 लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। मंदिर खुलने के बाद भी दर्ज हुए थे मामले दिसंबर से पहले मंदिर 16 नवंबर से सख्त प्रोटोकॉल के साथ खोला गया था। उस दौरान महामारी के कारण सात महीनों तक मंदिर बंद रहा था। इससे पहले केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर को वार्षिक मंजल मकरविलक्कू तीर्थाटन के लिए खोला गया, लेकिन मंदिर खुलने के बाद संक्रमण के मामले सामने आए जिसमें श्रद्धालु, कर्मचारी और अन्य लोग शामिल थे।