Kerala Plane Crash: विशेषज्ञों ने कहा हवा, हवाई पट्टी व पायलटों की गलती है हादसे की वजह
हवा का झोंका पायलटों का गलत निर्णय हवाई पट्टी की स्थिति और लैंडिंग प्रणाली उपकरण का गलत संकेत जैसी चीजें इस हादसे की संभावित वजहें हो सकती हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। विशेषज्ञों ने कोझिकोड में हुए एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान के हादसे के कई कारण गिनाए हैं। इनका कहना है कि हवा का झोंका, पायलटों का गलत निर्णय, हवाई पट्टी की स्थिति और लैंडिंग प्रणाली उपकरण का गलत संकेत जैसी चीजें इस हादसे की संभावित वजहें हो सकती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के बीच संबंधित हवाई पट्टी पर उतरने का पहला प्रयास विफल होने के बाद पायलटों द्वारा विमान को दूसरे हवाईअड्डे की ओर न मोड़ना हादसे का सबसे प्रमुख कारण हो सकता है। दुबई से 190 लोगों को लेकर पहुंचा एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737 विमान गत शुक्रवार की रात कोझिकोड के 'टेबलटॉप रनवे 10' पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त होकर दो हिस्सों में टूट गया था। इस हादसे में दोनों पायलटों सहित 18 लोगों की मौत हो गई।
जाने-माने विशेषज्ञ कैप्टन मोहन रंगनाथन ने पीटीआइ से कहा, 'किसी गीले रनवे पर समान दिशा में चल रही हवा के साथ उतरना मूर्खता है..मैं यह बात वर्षो से कह रहा हूं। मैंने 2011 में कहा था कि बारिश में रनवे 10 पर समान दिशा में चल रही हवा के साथ उतरना एक दिन दुर्घटना का कारण बनेगा।' रंगनाथन 2011 में नागरिक उड्डयन सुरक्षा सलाहकार समिति के परिचालन समूह के सदस्य थे।
इस संबंध में एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि दुर्घटना के कारणों में पर्यावरण कारक, मानवीय कारक, तकनीकी कारक, विमान की स्थिति, प्रशासनिक कारक और हवाई नियंत्रण कक्ष संबंधी कारक शामिल हो सकते हैं। विशेषज्ञ ने कहा, 'कई कारण हो सकते हैं। हम अटकल नहीं लगा सकते। हवा की गति कारण हो सकती है। जब आपकी गति धीमी होती है, तो आप पर हवा का असर हो सकता है। हवा का एक झोंका तबाही पैदा कर सकता है।'
इंडियन एयरलाइंस में उड़ान सुरक्षा एवं प्रशिक्षण के पूर्व निदेशक कैप्टन एसएस पानेसर ने कहा कि खराब मौसम में रनवे 10 पर उतरने का पहला प्रयास विफल होने के बाद पायलट को तत्काल विमान को पास के त्रिवेंद्रम या बेंगलुरु हवाईटड्डे की ओर मोड़ लेना चाहिए था।
कोझिकोड में हुए विमान हादसे की जांच कर रही एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) के प्रमुख अरबिंदो हांडा ने कहा है कि हादसे की औपचारिक जांच करने के लिए साक्ष्य इकट्ठा किए जा रहे हैं और इस घटना का प्रारंभिक मूल्यांकन करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि विमान हादसे की जांच विमान नियम, 2017 और आईसीएओ अनुबंध 13 के अनुसार की जा रही है। जांच का उद्देश्य भविष्य में दुर्घटनाओं और घटनाओं को रोकना है। हादसे के कारणों की गहनता से जांच की जा रही है।
केरल के कोझीकोड हवाई अड्डे पर सात अगस्त को हुए विमान हादसे में दो पायलटों सहित कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई थी। एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737 विमान दुबई से 190 लोगों को लेकर केरल आ रहा था। भारी बारिश के चलते रनवे पर पानी भरा था और लैंडिंग के समय विमान फिसलकर लगभग 50 फीट गहरी खाई में जा गिरा।
विदेशी एजेंसियों से जांच में सहायता ली जाएगी या नहीं, इस सवाल के जवाब में हांडा ने कहा कि अगर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो को किसी भी सहायता की आवश्यकता होगी, तो विदेशी एजेंसियों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि पायलटों या हवाई यातायात नियंत्रकों की विफलता के कारण यह हादसा हुआ हो।
बता दें कि हादसे के बाद विमान का डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) और विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) को बरामद कर लिया गया है। दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स की जांच दिल्ली में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की लैब में हो रही है। कुछ दिनों में इसकी भी रिपोर्ट आ जाएगी तब इस हादसे के बारे में और भी जानकारियां सामने आ सकेंगी।