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इराक: 46 नर्सो सहित 116 लोग आज लौटेंगे अपने देश

इराक बंधक संकट में नाटकीय अंदाज में बदले घटनाक्रम में भारत तिकरित के अस्पताल से अगवा की गई 46 नर्सो को छुड़ाने में कामयाब रहा है। तिकरित से गुरुवार को अगवा की गई नर्से कुर्दिस्तान क्षेत्र की राजधानी अरबिल पहुंच गई हैं, जहां से उन्हें भारत लाने के लिए एयर इंडिया का विशेष विमान भेज दिया गया है। सब ठीक चला तो इराक में बीते कई दिन से फंसी नर्से शनिवार को कोच्चि पहुंच जाएंगी।

By Edited By: Published: Fri, 04 Jul 2014 01:10 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jul 2014 07:27 AM (IST)
इराक: 46 नर्सो सहित 116 लोग आज लौटेंगे अपने देश

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। इराक बंधक संकट में नाटकीय अंदाज में बदले घटनाक्रम में भारत तिकरित के अस्पताल से अगवा की गई 46 नर्सो को छुड़ाने में कामयाब रहा है। तिकरित से गुरुवार को अगवा की गई नर्से कुर्दिस्तान क्षेत्र की राजधानी अरबिल पहुंच गई हैं, जहां से उन्हें भारत लाने के लिए एयर इंडिया का विशेष विमान भेज दिया गया है। सब ठीक चला तो इराक में बीते कई दिन से फंसी नर्से शनिवार को कोच्चि पहुंच जाएंगी। विशेष उड़ान से नर्सो के साथ ही इराक के किर्कुक से निकाले गए 70 अन्य भारतीयों को भी वापस लाया जा रहा है। रिहा होने वाली नर्सो में अधिकतर केरल की हैं। लिहाजा, सूबे के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने रिहाई की खबर पर खुशी जताई है।

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विदेश मंत्रालय प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन ने बताया कि गुरुवार को इच्छा के विरुद्ध तिकरित के अस्पताल से ले जाई गई नर्से रिहा हो गई हैं। उनका आकलन है कि नर्से शुक्रवार रात अरबिल रवाना होंगी। उन्हें वापस लाने के लिए एयर इंडिया का बोइंग-777 विमान शुक्रवार शाम इराक रवाना हो गया है। इसे देर रात तक अरबिल पहुंचना है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक कुर्दिस्तान इलाके में स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल केलिए एक संयुक्त सचिव स्तर के आइएफएस अधिकारी और केरल की एक महिला आइएएस अफसर को भी विमान के साथ भेजा गया है। विमान शनिवार सुबह पहले कोच्चि पहुंचेगा। इसके बाद यह दिल्ली आएगा।

गैर-पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल भी

विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस कामयाबी के लिए ंव्यापक पैमाने पर प्रयासों की जरूरत पड़ी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा खाड़ी इलाके के राजनेताओं से लगातार संपर्क बनाने के अलावा भारत ने अन्य कई देशों की भी मदद ली। मंत्रालय प्रवक्ता के मुताबिक ऐसे इलाकों और संघर्ष के हालात में कूटनीति के पारंपरिक हथियार काम नहीं करते। हम गैर-पारंपरिक तरीकों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

विश्व बिरादरी में भारत की साख के चलते कई ओर से मदद भी मिल रही है। सरकार ने भरोसा जताया कि इराक में बीते कई दिन से बंधक 39 भारतीयों को छुड़ाने के लिए भी प्रयास बढ़ाए जाएंगे।

फिरौती की मांग पर भी लचीला रुख

माना जा रहा है कि मोदी सरकार ने पहली बड़ी विदेशनीति चुनौती को सुलझाने के लिए कूटनीतिक टीम को हर हाल में नतीजों पर ध्यान देने की हिदायत के साथ मैदान में उतारा है। यहां तक कि बंधक संकट सुलझाने के लिए अपहर्ताओं की ओर से फिरौती की मांग के प्रति भी लचीला रुख रखा जा रहा है। इस बीच, सरकार सीधे आइएसआइएस के खिलाफ टिप्पणी करने से बचती नजर आई।

प्रवक्ता का कहना था, 'अभी भी कई लोग ¨हसाग्रस्त इलाकों में फंसे हैं। लिहाजा, इन विषयों पर टिप्पणी मुनासिब नहीं होगी। वैसे उन्होंने माना कि तिकरित के जिस इलाके से नर्सो को अगवा किया गया, वहां इराकी सरकार का नहीं बल्कि कब्जा करने वालों का राज चलता है।

पढ़े : इराक से निकलने के लिए 900 भारतीयों को दिया गया टिकट, नर्से सुरक्षित


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