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केरल सरकार को 18 महीने में बनानी होगी अरलम के आदिवासी परिवारों के लिए दीवार, हाथियों के हमले का है मामला

केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कन्नूर जिले में अरलम के आदिवासी परिवारों के लिए दीवार बनाने को 18 महीने का समय दिया है।‌ यह दीवार आदिवासी परिवारों को हाथियों के हमले से बचाने के लिए बनाई जानी है।

By Ashisha SinghEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 03:57 PM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 03:57 PM (IST)
केरल सरकार को 18 महीने में बनानी होगी अरलम के आदिवासी परिवारों के लिए दीवार, हाथियों के हमले का है मामला
18 महीने में बनानी होगी अरलम के आदिवासी परिवारों के लिए दीवार, हाथियों के हमले का है मामला

कोच्चि, पीटीआइ। केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कन्नूर जिले में अरलम के आदिवासी परिवारों के लिए दीवार बनाने को 18 महीने का समय दिया है।‌ यह दीवार आदिवासी परिवारों को हाथियों के हमले से बचाने के लिए बनाई जानी है।

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हाथियों का आतंक

कन्नूर जिले में हाथियों के आतंक से आदिवासी परिवारों का बुरा हाल है। जिले में 3,500 एकड़ के अरालम खेतों में रहने वाले 1,515 आदिवासी परिवार हाथियों के हमलों के कारण काम करने या वहां रहने में दिक्कतों का सामना करते हैं। जिन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 18 महीने के भीतर परिसर के चारों ओर दीवार का निर्माण पूरा करने का आदेश दिया है।

बता दें कि राज्य सरकार ने अदालत से दीवार निर्माण के लिए 36 महीने का समय मांगा था। जिसे उच्च न्यायालय ने देने से इनकार कर दिया है। और कहा कि 3.5 किलोमीटर की बाड़ लगाने के अलावा 10.5 किलोमीटर की कंक्रीट की दीवार के निर्माण के लिए 22 करोड़ रुपये पहले ही मंजूर किए जा चुके हैं, और एक पूरी परियोजना का अध्ययन पहले ही किया जा चुका है।

आदेश में कहा गया है कि, चूंकि लोक निर्माण विभाग पहली बार अखाड़े में प्रवेश कर रहा है, इसलिए इसे काम पूरा करने के लिए 18 महीने का समय दिया जा सकता है, जिसमें टेंडर को जारी करना और अंतिम रूप देना भी शामिल होगा।

उच्च न्यायालय ने कहा कि दीवार निर्माण का कार्य शुरुआत में एससी/एसटी विभाग को सौंपा गया था, लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर सका। इसलिए, 'उस क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए, निर्माण बिना किसी देरी के पूरा किया जाना चाहिए।' अदालत ने आगे कहा कि, यदि कार्य की उचित और समय-समय पर निगरानी नहीं होगी, तो काम समय पर पूरा नहीं होगा। इसलिए न्यायालय ने केरल सरकार के मुख्य सचिव को दीवार निर्माण संबंधित अधिकारियों को कार्य शुरू करने और पूरा करने के लिए निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।

आदेश में उल्लेख किया कि 'लगभग 1,515 आदिवासी परिवार अरलम फार्म ट्राइबल कॉलोनी में, सरकार द्वारा आवंटित भूखंडों में, 2004 से और विभिन्न कारणों से रह रहे हैं, जैसे जंगल की वृद्धि, जंगली जानवरों का हमला - विशेष रूप से जंगली हाथियों, भूखंडों की पहचान न होना, बंदोबस्त क्षेत्र में परिवहन एवं शैक्षणिक सुविधाओं का अभाव और विकट आर्थिक स्थिति आदि, साथ ही कई आवंटी बंदोबस्त से दूर रहते हैं।'

अदालत ने यह भी देखा कि नाबार्ड ने अरालम फार्म पुनर्वास क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 167 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है, और किटको ने परियोजना के पहले चरण के लिए एक परियोजना रिपोर्ट तैयार की है।

अदालत ने कहा, 'लेकिन इन योजनाओं और सरकारी कार्यक्रमों के अप्रभावी और अक्षम कार्यान्वयन के कारण, आदिवासियों का जीवन अभी भी संकट में है। हाल ही में हाथियों के हमले से हुई मौतों ने इस मुद्दे को जटिल बना दिया है और आदिवासियों का पलायन बढ़ गया है,' 


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