केरल पर निपाह वायरस की 'टेढ़ी नजर', अबतक 6 मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती
केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि निपाह वायरस से पीड़ित अबतक कुल 6 रोगियों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है।
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल में निपाह वायरस ने एक बार फिर दस्तक दे दी है। 23 साल के छात्र की नीपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद प्रशासन अलर्ट पर है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि निपाह वायरस से पीड़ित जिस मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उसकी हालत अब स्थिर है। उन्होंने बताया कि अबतक कुल 6 रोगियों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है, जिनमें निपाह टेस्ट पॉजिटिव पाया गया मरीज भी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि निपाह वायरस से लड़ने के लिए ह्युमन मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (Human Monoclonal Antibody) दवा शाम तक केरल पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जीवन को बचाने के लिए आवश्यक हुआ तो हम इस दवा का प्रयोग करेंगे। इसके लिए हमारे पास केंद्रीय सरकार और आईसीएमआर से अनुमति मिल गई है। निपाह वायरस से लड़ने के लिए फिलहाल रिबाविरिन की गोलियां दी जा रही हैं।
बता दें कि मंगलवार को एर्नाकुलम के 23 साल के एक छात्र में निपाह वायरस की पुष्टि हुई थी। छात्र के परिजनों समेत अन्य 80 लोगों को निगरानी में रखा गया है। नमून को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे को भेजा गया है।
पिछले साल भी फैला था प्रकोप
केरल में पिछले साल भी निपाह वायरस का प्रकोप फैला था। कब कोझीकोड में 14 और मलप्पुरम में तीन मरीजों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले साल निपाह वायरस से सफलतापूर्वक जंग लड़ी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बारे में अफवाह न फैलाने की अपील की है।
बीमारी के लक्षण
निपाह वायरस इंसेफलाइटिस यानी दिमागी बुखार का ही एक रूप है। इसमें सिर दर्द, तेज बुखार, सुस्ती, उलझन, याद्दाश्त कमजोर होना, भ्रम होना, मिर्गी आना और दौरे पड़ने की शिकायत होती है। मरीज कोमा में भी चला जाता है। इस वायरस का अभी तक कोई टीका नहीं विकसित हुआ है। इसके लक्षणों पर ही इलाज होता है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप