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'केजरीवाल' ने जिंदा किसानों को मृत बताया

गुजरात सरकार ने पहली बार आम आदमी पार्टी [आप] के संयोजक अरविंद केजरीवाल के 16 आरोपों का जवाब दिया और उन्हें भ्रमजाल फैलाने में माहिर बताते हुए जिंदा किसानों को मृत बता देने वाला बताया। इस बीच, भाजपा ने केजरीवाल पर जवाबी हमला करते हुए उनके आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताया। गुजरात सरकार ने प्रेस रिलीज

By Edited By: Published: Wed, 26 Mar 2014 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 26 Mar 2014 10:47 AM (IST)
'केजरीवाल' ने जिंदा किसानों को मृत बताया

नई दिल्ली। गुजरात सरकार ने पहली बार आम आदमी पार्टी [आप] के संयोजक अरविंद केजरीवाल के 16 आरोपों का जवाब दिया और उन्हें भ्रमजाल फैलाने में माहिर बताते हुए जिंदा किसानों को मृत बता देने वाला बताया। इस बीच, भाजपा ने केजरीवाल पर जवाबी हमला करते हुए उनके आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताया।

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उधर, गुजरात सरकार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि मोदी खुद क्यों नहीं इसका जवाब देते। मनमोहन के बाद वे भी सवाल का जवाब देने से कतराते हैं। उन्होंने कहा कि ये जवाब मोदी को देने चाहिए न कि भाजपा को, क्योंकि मोदी के सामने भाजपा की नहीं चलती।

केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में किसानों की आत्महत्या का मेरा दावा बिल्कुल सही है। कोई एनसीआरबी की साइट पर जाकर मेरे इस दावे को परख सकता है। केजरीवाल ने मीडिया को एक चिट्ठी दिखाते हुए दावा किया कि ये पत्र नरेंद्र मोदी द्वारा लिखा गया है। जिसमें गैस के दाम बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।

इससे पहले गुजरात सरकार ने प्रेस रिलीज जारी कर आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए कहा कि गुजरात में सिर्फ एक किसान ने अब तक आत्महत्या की है। उसकी आत्महत्या का कारण फसल खराब होना था। आप का आरोप था कि पिछले 10 साल में गुजरात में 800 किसानों ने आत्महत्या की है। आप द्वारा मृत बताए गए किसान आज भी जिंदा है। गुजरात सरकार ने अरविंद केजरीवाल के किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों पर भी अंगुली उठाई और पूछा कि मात्र दस दिनों में 800 किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा बढ़कर एकदम से 5,874 कैसे हो गया। उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल ने गुजरात दौरे के दौरान राज्य में 800 किसानों द्वारा आत्महत्या करने की बात कहने के बाद मंगलवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हुए अपने भाषण में गुजरात में पिछले 10 साल में 5 हजार से ज्यादा किसानों द्वारा आत्महत्या करने की बात कही थी।

गुजरात सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति पर अरविंद केजरीवाल के सवाल का जवाब देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार की इस नीति की तारीफ सुप्रीम कोर्ट भी कर चुका है। राज्य के किसानों को देश में सबसे ज्यादा भूमि अधिग्रहण मुआवजा मिलता है।

केजरीवाल के एफडीआइ मुद्दे पर जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि हम खुदरा क्षेत्र में एफडीआइ के खिलाफ हैं।

मोदी सरकार के कार्यकाल में गुजरात में उद्योग-धंधे फले-फूले हैं। यहां सिर्फ अडानी ही नहीं, सभी उद्योगों को फायदा मिला है। अडानी का सिर्फ गुजरात ही नहीं, अन्य राज्यों में भी निवेश है।

पुरुषोत्तम सोलंकी के खिलाफ कोई चार्जशीट नहीं है और बाबूभाई बोखरिया के खिलाफ सजा पर ऊंची अदालत ने रोक लगा दी है।

कच्छ के सिख किसानों के मुद्दे पर गुजरात सरकार का कहना है कि पंजाब और हरियाणा से आए 454 सिख परिवारों के पास अब भी जमीन है, जबकि केजरीवाल गैरकानूनी ढंग से खेती की जमीन खरीदने वाले रियल एस्टेट माफिया की मदद कर रहे हैं। गांधीधाम, भुज और मूंदड़ा के आसपास फर्जी किसान बनकर इस माफिया ने खेती की जमीन खरीदी है। 15 से 20 हजार करोड़ रुपये के इस गोरखधंधे में फर्जी किसानों का साथ देकर केजरीवाल भी शामिल हैं।

इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने नरेंद्र मोदी सरकार पर अरविंद केजरीवाल के लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें मुद्दों को तोड़-मोड़कर नाटकीय ढंग से उठाने वाला बताया। प्रसाद ने कहा कि केजरीवाल बिना सुबूतों के ही गुजरात सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सोनिया गांधी और कांग्रेस के खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड रिश्वतकांड पर कुछ नहीं बोलते हैं।

प्रसाद ने आरोप लगाया कि केजरीवाल महाराष्ट्र और आंधप्रदेश में किसानों की आत्महत्या पर केजरीवाल कोई सवाल नहीं उठाते हैं, क्योंकि दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। केजरीवाल ने देश में फैली बेरोजगारी पर भी चुप्पी साध रखी है।

प्रसाद ने कहा कि योजना आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में कृषि विकास दर 11 फीसद है, जबकि देश की औसत विकास दर 3 फीसद है। राष्ट्रीय औसत 15.5 फीसद के मुकाबले गुजरात में 68 फीसद सिंचित भूमि है। प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में प्राथमिक शिक्षा छोड़ने वाले बच्चों की भी तदाद में कमी आई है। मोदी के कार्यकाल से पहले यह 20 फीसद थी जो घटकर 2 फीसद तक पहुंच गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम 2001 के मुकाबले लाभ की स्थिति में है। 2001 में सार्वजनिक उपक्रमों का घाटा 2,702 करोड़ था, जबकि अब उनका शुद्ध लाभ 4,041 करोड़ है।

प्रसाद ने गैस कीमतों पर केजरीवाल के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली स्टैंडिग कमेटी ने अप्रैल, 2014 से गैस कीमतें बढ़ाने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था। गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने भी गैस कीमतें बढ़ाने का विरोध किया था।

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