केजरी-ममता का केंद्र पर हमला
मोदी विरोध के नाम पर नई राजनीतिक धुरी बनाने की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तैयारी नाकाम साबित हुई है। उनकी ओर से बुलाए गए मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने सिर्फ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक सरकार ही पहुंचे। ममता और केजरीवाल
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मोदी विरोध के नाम पर नई राजनीतिक धुरी बनाने की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तैयारी नाकाम साबित हुई है। उनकी ओर से बुलाए गए मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने सिर्फ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक सरकार ही पहुंचे। ममता और केजरीवाल ने इस मौके पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। केजरीवाल ने जहां केंद्र सरकार को राष्ट्रद्रोही करार दिया, वहीं ममता ने यहां तक कह दिया कि जिस तरह सरकार मुख्यमंत्री के घर छापे मरवा रही है, कल को कोई मुख्यमंत्री भी सीधे प्रधानमंत्री के यहां छापे मरवा सकता है।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने बुधवार को केंद्र-राज्य संबंधों पर मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन बुलाया था। मगर केजरीवाल के नए राजनीतिक दोस्त बन कर सामने आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक ने इससे किनारा कर लिया। चुनावी व्यस्तता का बहाना कर उन्होंने पहले से तय होने के बावजूद इस कार्यक्रम में शामिल होने से इन्कार कर दिया। इसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी इसमें नहीं पहुंचे। इस सम्मेलन के बाद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार जिस तरह का काम कर रही है, वह राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है।
राज्य में अपरहण और दुष्कर्म रोकने में केंद्र सरकार की पुलिस की कोई दिलचस्पी नहीं है। 23 साल के इतिहास में दिल्ली की राज्य सरकार के एक भी आदेश को एलजी ने निरस्त नहीं किया था, पर उनकी सरकार
बनने के बाद से उनके 30 आदेशों को निरस्त कर दिया गया है। एलजी की ओर से अधिकारियों को आदेश जारी किया जाता है कि सिर्फ उन्हीं के आदेश माने जाएं। दिल्ली से केंद्र सरकार को करों के जरिये 1.30 लाख करोड़ मिलते हैं, पर केंद्र उसमें से राज्य को सिर्फ 325 करोड़ लौटाता है। इसी तरह ममता ने हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह के घर पर हुए सीबीआइ छापे के संदर्भ में कहा, 'आप आज मुख्यमंत्री के घर पर रेड कर रहे हैं। कल को मुख्यमंत्री अगर पीएम के घर रेड करने लगे तो क्या होगा? यह कौन सा संघीय ढांचा है?' उन्होंने केंद्र की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब ये राजनीतिक लड़ाई नहीं जीत पाते तो राज्यपाल के जरिये समानांतर सरकार चलाते हैं। जबकि, केंद्र को रक्षा और रेलवे जैसे चुनिंदा मंत्रालय चलाने के अलावा सिर्फ नीतियां बनाने तक सीमित रहना चाहिए।