जानिए, कौन सा मास्क कितना सुरक्षित, मास्क पहनते और उतारते समय ध्यान में रखें ये बातें
Coronavirus चीन दक्षिण कोरिया और जापान ने तो सार्वजनिक रूप से मास्क पहनने को जरूरी कर दिया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Coronavirus: कोरोना वायरस के खिलाफ शारीरिक दूरी का सिद्धांत अहम है। इसके लिए लॉकडाउन के बाद दूसरा सबसे सुरक्षित उपाय मास्क है। विश्व स्वास्थ संगठन समेत तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञों में ही मास्क को लेकर दो राय है कि इसे अनिवार्य किया जाना चाहिए या नहीं। हालांकि एक राय है कि मास्क पहनने में कोई बुराई नहीं है, लोग अपनी सुविधा के अनुसार मास्क जरूर पहनें। भारत में प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार ने भी लोगों को कहा है कि वे मास्क पहनें, ताकि कोरोना वायरस से लड़ाई में बड़ा सहयोग मिल सके।
देश में एन-19 और एन-99 मास्क की कमी है। सरकार ने उपलब्ध संसाधनों को मेडिकल फील्ड में काम कर रहे लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगाने को कहा है। मगर देश में सर्जिकल मास्क काफी मात्रा में उपलब्ध हैं और इनकी सप्लाई भी काफी है। हालांकि इसमें एक दिक्कत है। सर्जिकल मास्क को कुछ घंटों के बाद बदल देना चाहिए। ऐसे में इसे पहनना भी आर्थिक रूप से महंगा साबित हो सकता है। ऐसे में सरकार ने सलाह दी है कि लोग घर पर सूती कपड़े के मास्क बनाएं और इन्हें पहनें, सिर्फ इन्हें हर बार प्रयोग के बाद अच्छी तरह धो लें। आइये जानते हैं आम लोगों के जीवनरक्षक इस मास्क के बारे में:
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कथन
- मास्क हालात को बदलने में तभी मददगार हो सकते हैं जब उसे पहनने वाले लोग लगातार हाथ साफ करते रहें। हाथ को 70 फीसद एल्कोहल आधारित हैंड
- सैनेटाइजर या साबुन से लगातार साफ करते रहें। यदि आप मास्क पहनते हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि इसे कैसे पहनना चाहिए और इसका निस्तारण कैसे करना चाहिए
घरेलू मास्क बनाते समय रखें इन बातों का ध्यान
- मास्क बनने के बाद इसे अच्छी तरह धो लेना चाहिए और सुरक्षित रखना चाहिए
- कम से कम दो मास्क बनाने चाहिए, ताकि एक आप पहनें और एक को साफ कर लें
- वयस्कों को नौ इंच गुणा सात इंच और बच्चों के लिए सात गुणा पांच इंच का मास्क बनाना चाहिए
मास्क के फायदे
- हवा में कोरोना वायरस ड्रॉपलेट्स के जरिये तीन घंटे तक जिंदा रह सकता है, ऐसे में मास्क आपको पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराता है
- सेल्फ क्वारंटाइन में रह रहे लोगों के साथ उनके आसपास मौजूद लोगों को हर समय मास्क लगाना चाहिए, ताकि किसी प्रकार का संदेह न रह जाए
- आप घनी आबादी वाले क्षेत्र में रहते हैं तो आपको मास्क पहनना चाहिए, इससे आप ड्रॉपलेट्स के जरिये फैलने वाले कोरोना वायरस से बचाव कर सकेंगें
- कोरोना वायरस पर्सन टू पर्सन फैलता है। ऐसे में यदि आप 1.5 मीटर दूरी के शारीरिक सिद्धांत का पालन करते हैं तो ड्रॉपलेट्स का आप तक पहुंचना बहुत कठिन हो जाता है
मास्क पहनते और उतारते समय ध्यान में रखें ये बातें
- चश्मा पहनते हैं, तो उसे सैनिटाइज करें
- मास्क के सामने वाले हिस्से पर हाथ न लगाएं
- फीते को कान पर या सिर पर उचित तरह से बांधें
- हाथ को अच्छी तरह हैंड सैनिटाइजर या साबुन से साफ करें
- मास्क और मुंह के बीच किसी प्रकार का अंतर नहीं रहना चाहिए
- फीते सबसे पहले खोलें और हाथ तुरंत सैनिटाइज करें या धो लें
- मास्क उतारते समय भी उसके सामने वाले हिस्से पर हाथ न लगाएं
- मास्क को गले में लटकाने की गलती न करें, इससे खतरा बहुत बढ़ जाएगा
- मास्क पर और मुंह पर हाथ न लगाएं, मास्क को एडजस्ट करने की कोशिश न करें
सर्जिकल मास्क का निस्तारण
- बैग को सुरक्षित तरीके से मेडिकल वेस्ट करने वाले नगर निगम या अस्पताल की गाड़ियों तक पहुंचाएं
- मास्क को उसके स्ट्रींग (फीते) को खोलकर मेडिकल वेस्ट के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले खास काले रंग के बैग में डालें
- हाथ को तुरंत 70 फीसद अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर से हाथ साफ करें या फिर साबुन से 40 सेकेंड तक हाथ धोएं
ताकतवर है घरेलू मास्क
- इससे सांस लेने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती है
- 70 फीसद तक कोरोना वायरस रोकने में घरेलू मास्क कामयाब रहता है
- इसे बनाना, साफ-सफाई और इसका सामान आसानी से उपलब्ध रहता है
- एक दोहरी तह वाला सूती मास्क 0.02 माइक्रोन तक के कणों को पूरी तरह रोक सकता है
कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनना कितना कारगर होगा, यह मास्क की दक्षता पर भी निर्भर करता है। आज बाजार में कई तरह के मास्क उपलब्ध हो गए हैं। इनमें अधिकांश ऐसे हैं, जो चिकित्सकीय दृष्टि से ज्यादा कारगर नहीं हैं। कोरोना से सुरक्षा के लिए सीमित मास्क ही हैं जो वायरस को रोकने में सक्षम हैं, बाकी बैक्टीरिया और धूलकण रोकने तक ही सीमित हैं।