कोरोना के चपेट में श्रावण मास: श्रद्धालुओं के जल उठाने पर ओडिशा सरकार की रोक
देश में फैले महामारी के मद्देनजर सोमवार से शुरू हो रहे पवित्र माह श्रावण के दौरान धार्मिक स्थलों में जल ले जाने पर ओडिशा सरकार ने पाबंदी का ऐलान किया है।
भुवनेश्वर, एएनआइ। सोमवार, 6 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण माष को भी इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण ने अपने चपेट में ले रखा है। दरअसल ओडिशा सरकार की ओर से शनिवार को आदेश जारी किया गया है कि श्रद्धालुओं को किसी भी धार्मिक स्थल में जलाभिषेक की अनुमति नहीं दी जाए। आदेश में कहा गया है, ' कौड़िया / बोल बम भक्तों को किसी भी धार्मिक स्थान या किसी अन्य स्रोत से जल ले जाने की अनुमति नहीं है। उड़िया माह श्रावण (जुलाई / अगस्त), 2020 के के दौरान किसी भी सार्वजनिक सड़क पर चलने और किसी भी मंदिर में जल चढ़ाने की अनुमति नहीं है।
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 'उड़िया महीने श्रावण में जल लेकर श्रद्धालु मीलों नंगे पांव चलते हैं और भगवान शंकर के मंदिर में शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। इस पूरे माह प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। इन श्रद्धालुओं को बोल बम या कौड़िया श्रद्धालुओं के नाम से जानते हैं। सामान्य तौर पर ये शुक्रवार, शनिवार को जल लेकर चलना शुरू करते हैं और सोमवार सुबह मंदिर के शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। लेकिन इस बार बार कोविड-19 के कारण हालातों को देखते हुए जनहित में राज्य सरकार ने इस तरह की धार्मिक गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया है। न तो भक्तों को जल लेकर धार्मिक स्थलों में प्रवेश की अनुमति है और न ही सड़क पर नंगे पांव चलने की।'
ओडिशा से पहले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों ने कोविड-19 के कारण अपने राज्यों में कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का ऐलान कर दिया था। वहीं हरिद्वार प्रशासन ने फैसला लिया है कि रोक के बाद भी यदि कोई यहां आ जाता है तो उसे चौदह दिनों के लिए क्वारंटाइन रहना होगा। साथ ही इस दौरान होने वाले खर्चों का जिम्मा भी उन्हें खुद ही उठाना पड़ेगा। बता दें कि इसी सोमवार यानि 6 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो रहा है। इस माह में देश के अधिकांश राज्यों में शिव भक्तों द्वारा कांवड़ यात्रा निकाली जाती है