कठुआ कथित दुष्कर्म कांड के दो अभियुक्त पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, रखी पक्षकार बनाए जाने की मांग
मामले के मुख्य अभियुक्त साझी राम और विशाल जागोत्रा की ओर से दाखिल अर्जी में पक्षकार बनाए जाने की मांग करते हुए केस का कठुआ से बाहर चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का विरोध किया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कठुआ कथित दुष्कर्म कांड के दो अभियुक्त मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। मुख्य अभियुक्त सांझी राम व विशाल जांगोत्रा ने बुधवार को अर्जी दाखिल कर मामले में उन्हें पक्षकार बनाए जाने और उनका पक्ष भी सुने जाने की गुहार लगाई है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर सरकार ने भी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया है कि विरोध का माहौल होने और नारेबाजी के चलते आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल नहीं हो पाया और बाद में मजिस्ट्रेट के घर पर आरोपपत्र दाखिल किया गया। उधर जम्मू कश्मीर हाइकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी हलफनामा दाखिल कर पीड़िता के वकील पर हमला करने व उन्हें धमकाने के आरोपों से इन्कार किया है। कोर्ट इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगा।
मालूम हो कि कठुआ कथित दुष्कर्म कांड में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी। कठुआ में वकीलों के विरोध पर कोर्ट ने बार काउंसिल आफ इंडिया और जम्मू कश्मीर हाइकोर्ट बार एसोसिएशन और कठुआ जिला बार एसोसिएशन को नोटिस किया था। इसके बाद पीड़िता के पिता की ओर से अलग से एक याचिका दाखिल कर मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर के कठुआ से बाहर चंडीगढ़ स्थानांतरित करने की मांग की थी। इस याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था। हालांकि पीड़िता के पिता की याचिका में अभियुक्तों को पक्षकार नहीं बनाया गया है।
बुधवार को मामले के मुख्य अभियुक्त साझी राम और विशाल जागोत्रा की ओर से दाखिल अर्जी में पक्षकार बनाए जाने की मांग करते हुए केस का कठुआ से बाहर चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का विरोध किया गया है। दोनों ने कोर्ट से कहा है कि वे इस मामले में जरूरी पक्षकार हैं, क्योंकि रिट याचिका में आने वाले फैसले का उन पर सीधा असर पड़ेगा। इसलिए उन्हें पक्षकार बनाकर कोर्ट उनकी बात भी सुने। अभियुक्तों का कहना है कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है। कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 21 में अभियुक्त को निष्पक्ष जांच और निष्पक्ष ट्रायल का अधिकार मिला हुआ है। कानून के मुताबिक मामले की जांच हर हाल में निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। जांच एजेंसी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जांच नहीं कर सकती।
मामले का ट्रायल ट्रांसफर करने का विरोध करते हुए दोनों अभियुक्तों ने कहा है कि केस ट्रांसफर करने में सिर्फ शिकायतकर्ता की सुविधा नहीं देखी जाती, बल्कि अभियुक्तों और अभियोजन पक्ष के गवाहों और समाज के हितों का भी कोर्ट को ध्यान रखना चाहिए। इस मामले का ट्रायल कठुआ में चल रहा है और शिकायतकर्ता ने अभियोजन पक्ष के गवाहों किसी तरह की धमकी की आशंका नहीं जताई है।
इस मामले में बाकी पक्षकारों जैसे जम्मू कश्मीर सरकार और बार एसोसिएशन ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर मामले से जुड़े तथ्य कोर्ट के समक्ष रखे हैं। पूरे मामले पर गुरुवार को सुनवाई होनी है।