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अनंतनाग में सरपंच की हत्या, कश्‍मीरी पंडि‍तों की मांग अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करें सरकार

अनंतनाग में सरपंच की हत्या की निंदा करते हुए कश्‍मीरी पंडि‍तों ने मांग की है कि केेंद्र सरकार राज्य में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करे।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 09:33 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 04:00 PM (IST)
अनंतनाग में सरपंच की हत्या, कश्‍मीरी पंडि‍तों की मांग अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करें सरकार
अनंतनाग में सरपंच की हत्या, कश्‍मीरी पंडि‍तों की मांग अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करें सरकार

जम्मू, पीटीआइ। कई कश्मीरी पंडित संगठनों ने सोमवार को अनंतनाग जिले में सरपंच अजय पंडिता की हत्या की निंदा की, इसे घाटी में अल्पसंख्यकों के बीच भय मनोविकृति को ट्रिगर करने का प्रयास बताया। समूहों ने केंद्र सरकार से कश्मीरी पंडितों (केपी) और कश्मीर में रहने वाले अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया।

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ऑल पार्टी प्रवासी सहयोग समिति (APMCC) के अध्यक्ष विनोद पंडिता ने कहा कि यह इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडित समुदाय को निशाना बनाने के लिए एक सुनियोजित हमला है, जैसे कि उन्होंने 1990 के दशक में किया था। हम कश्मीर पंडित की हत्या की निंदा करते हैं।

कश्मीरी पंडित सरपंच की हत्या पर भटके बजरंगी: कश्मीर में अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडितों को एक बार फिर से निशाना बनाए जाने के विराेध में राष्ट्रीय बजरंग दल ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन किया। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने सोमवार को एक कश्मीरी पंडित समुदाय के सरपंच अजय कुमार पंडित भारती की गोली मार कर हत्या कर दी थी। 

प्रदर्शन कर रहे राष्ट्रीय बजरंग दल के नेताओं ने कहा कि पंचायत चुनाव में सरकार ने सभी उम्मीदवारों की सुरक्षा के बड़े-बडे़ धावे किये थे लेकिन अजय की हत्या ने साबित कर दिया है कि सरकार के सभी धावे खोखले हैं। पिछले कुछ वर्षो में कश्मीरी पंडित समुदाय कश्मीर वापसी की योजना बना रहा था, कुछ लोग कश्मीर वापिस चले भी गए थे लेकिन इस घटना के बाद फिर से वहां रहने वाले हिन्दू अपने आपको खतरे में देख रहे हैं।

आज भी कश्मीर में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। प्रदर्शनी मैदान के बाहर आयोजित प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे राकेश बजरंगी ने कहा कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक हिन्दु समुदाय की अनदेखी हो रही है। अगर एक सरपंच सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा। सरकार का रवैया भी ठीक नहीं है। अब जबकि कश्मीर में कोरोना संक्रमितों की संख्या हजारों में पहुंच गई तो सचिवालय में कार्यरत जम्मू के कर्मियों को कश्मीर भेजने की बात हो रही है। अगर सरकार चाहे तो यह कर्मी जम्मू में रहकर भी कार्य कर सकते हैं ऐसा नहीं किया जा रहा। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने वालाें में ऋषभ हिन्दू, सचिन शर्मा, अमित, विक्की चौधरी, रवि कुमार आदि शामिल थे।


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