कश्मीरी आतंकियों से हो सकता है खालिस्तानी उग्रवादियों का गठजोड़, सुरक्षा एजेंसियों ने किया आगाह
आइएसआइ जैश के जरिए जम्मू कश्मीर में बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहती है। खुफिया तंत्र ने बीते सप्ताह ही इस साजिश का पता लगाते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों को आगाह कर दिया था।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू के लखनपुर में पकड़े गए जैश-ए-मुहम्मद के तीन आतंकियों के हैंडलर और अन्य साथियों को पकड़ने के लिए शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी कश्मीर से लेकर पंजाब तक पुलिस ने छापेमारी की। इस दौरान पुलवामा से दो और संदिग्धों को पूछताछ के लिए कथित तौर पर हिरासत में लिया है। वहीं, पकड़े गए आतंकियों के मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। संबंधित अधिकारियों की मानें तो जल्द ही कश्मीरी आतंकियों और खालिस्तानी उग्रवादियों के आपसी गठजोड़ और एक बड़े हवाला नेटवर्क का पर्दाफाश होगा।
सभी सुरक्षा एजेंसियों को किया आगाह
जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से आतंकी और अलगाववादी एजेंडे की नाकामी से हताश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ पूरी तरह हताश है। आइएसआइ आतंकी संगठन जैश के जरिए जम्मू कश्मीर में बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहती है। खुफिया तंत्र ने बीते सप्ताह ही इस साजिश का पता लगाते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों को आगाह कर दिया था।
पंजाब के नेटवर्क का किया इस्तेमाल
घाटी में आतंकियों को हथियारों की खेप उपलब्ध कराने के लिए आइएसआइ ने पंजाब में सक्रिय अपने नेटवर्क का सहारा लिया। अमृतसर में इसी नेटवर्क से हथियार लेकर एक ट्रक से कश्मीर लौटते जैश के तीन आतंकियों को गुरुवार को लखनपुर में पकड़ा था। उबैद, जहांगीर और सबील नामक ये तीनों आतंकी कश्मीर के ही रहने वाले हैं। फिलहाल, तीनों पुलिस रिमांड पर हैं और इनसे पूछताछ जारी है।
ट्रक मालिक की तलाश जारी
सूत्रों ने बताया कि इन आतंकियों से मिले सुराग के आधार पर कश्मीर से लेकर पंजाब तक कई जगह छापेमारी की गई है। दक्षिण कश्मीर में गत रोज पांच लोगों को हिरासत में लिया गया था। शुक्रवार को दो और लोगों को इसी मामले में पूछताछ के लिए कथित रूप से हिरासत में लिया गया है। इनमें से एक ट्रक मालिक का करीबी बताया जाता है। वहीं, ट्रक मालिक की तलाश भी जारी है।
बडे़ हवाला कारोबार का हो सकता है पर्दाफाश
पकड़े गए आतंकियों के मोबाइल फोन से मिले कुछ नंबरों और एसएमएस के आधार पर पुलिस ने कुछ लोगों की निशानदेही की है। इन सभी को पूछताछ के लिए तलब किया जा रहा है या फिर इनके ठिकानों पर लगातार दबिश देकर हिरासत में लिया जा रहा है। मोबाइल फोन का डाटा पूरी तरह खंगालने के लिए उनकी फॉरेंसिक जांच भी कराई जा रही है।