कश्मीर के सभी स्कूल थे बंद, लेकिन गिलानी की पोती का स्कूल था खुला
जुलाई में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुर्रियत चेयरमैन गिलानी ने घाटी के सभी स्कूलों को बंद करा रखा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। एक ओर जहां अलगाववादियों द्वारा घाटी के स्कूलों को आग लगाया जा रहा वहीं एक बड़ी बात का खुलासा हुआ है। जम्मू-कश्मीर स्थित सभी स्कूल गत जुलाई से ही बंद हैं लेकिन अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी की पोती जिस स्कूल में पढ़ती है वह बंद नहीं है। यहां तक की उच्च सुरक्षा व्यवस्था के बीच वहां 1 से 5 अक्टूबर तक परीक्षा भी आयोजित की गयी। अब तक कश्मीर के 23 स्कूलों की भवनों को आग के हवाले किया जा चुका है।
बता दें कि 8 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पूरे कश्मीर में हुर्रियत ने बंद का ऐलान कर दिया है। लेकिन श्रीनगर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में 573 छात्रों के लिए इनडोर स्टेडियम में इंटरनल परीक्षा का आयोजन हुआ। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं में गिलानी की पोती भी शामिल थी जो दसवीं की छात्रा है। हालांकि कश्मीर के तनावग्रस्त माहौल के कारण स्कूलों के प्रभावित हो जाने का कई लोगों ने विरोध किया लेकिन किसी ने सुना नहीं। डीपीएस में पढ़ने वाली गिलानी की पोती उनके बड़े बेटे नईम जफर गिलानी की बेटी है। नईम का पिता के पार्टी से कोई संबंध नहीं है और वे उनसे अलग श्रीनगर में रहते हैं। नईम का कहना है कि वे बेटी की पढ़ाई को प्रभावित नहीं होने देना चाहते हैं।
नईम ने यह भी कहा कि स्कूल ने पेपर उस वक्त में करवाए थे जब अलगाववादियों ने विरोध प्रदर्शन को कुछ देर के लिए रोक दिया था। डीपीएस के अलावा यहां के सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने भी कश्मीर में चल रहे विरोध प्रदर्शन को दरकिनार किया है। इसके अलावा इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नालॉजी ने भी पेपर देने के लिए छात्रों को बुलाया था। वहीं डीपीएस के वाइस चेयरमैन विजय धार जो कि डीपी धार के बेटे हैं उन्होंने बताया कि गिलानी की पोती उनके स्कूल में पढ़ती तो है लेकिन उसने पेपर दिए या नहीं इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। डी पी धार नेहरू-गांधी परिवार के काफी करीबी माने जाते थे। धार ने आगे बताया कि जूनियर क्लास के बच्चों के लिए प्रश्न पत्र उनके घर भेज दिए गए हैं बाद में उनके टीचर्स द्वारा इसकी जांच करा ली जाएगी।
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