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पाकिस्‍तान नहीं बल्‍कि कश्‍मीर में होगी खिलाफत: IS

'कश्‍मीर इस्‍लामिक स्‍टेट होगा... इंशाअल्‍लाह!!’ ऐसी ही चाहत है इस्‍लामिक ग्रुप की और वे कश्‍मीर को अपना खिलाफत क्षेत्र बनाना चाहते हैं, जानें क्‍या कर चुके हैं अब तक...

By Monika minalEdited By: Published: Sat, 11 Jun 2016 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jun 2016 10:12 AM (IST)
पाकिस्‍तान नहीं बल्‍कि कश्‍मीर में होगी खिलाफत: IS

नई दिल्ली। पाकिस्तान या लश्कर-ए-तैयबा जैसे जिहादी गुटों से हटकर आइएस की चाहत है कि कश्मीर उसका ‘खिलाफत क्षेत्र’ बने। इस ग्रुप का एक ही लक्ष्य है कि ‘कश्मीर इस्लामिक स्टेट बने’। एक चैट में दुबई के आइएस ऑपरेटिव जुंधुल्ला मिना ने कहा, ‘कश्मीर आइएस है कश्मीर... कश्मीर इस्लामिक स्टेट होगा... इंशाअल्लाह!!’

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भारत समेत वे विभिन्न देश जो इंडियन ऑयल के असिस्टेंट मैनेजर मोहम्मद सिराजुद्दीन के खिलाफ एनआइए द्वारा फाइल किए गए चार्जशीट के हिस्सा हैं, के आइएस सदस्यों के वेब चैट से ग्रुप का विश्वास अबू बक्र अल-बगदादी के खिलाफत में दिखता है तो कश्मीर की किस्मत का अंतिम फैसले के तौर पर है।

एक चैट में दुबई के आइएस ऑपरेटिव जुंधुल्ला मिना ने कहा, ‘कश्मीर आइएस है कश्मीर... कश्मीर इस्लामिक स्टेट होगा... इंशाअल्लाह!!’

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सिराजुद्दीन को ऐसा लगता है कि आइएस यदि कश्मीर में खिलाफत की मुहिम छेड़ता है तो इसे दो लड़ाई इंडिया कुफ्र आर्मी और पाकिस्तानी जिहादी ग्रुप जैसे लश्करे-तैयबा, जेइएम और हिज्बुल मुजाहिद्दीन आदि से लड़ना होगा। क्योंकि इन सबों को आइएस में मिलना कभी स्वीकार नहीं होगा क्योंकि ये दल राष्ट्रीयता व देशभक्ति के आधार पर बने हैं।

चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि 17 नवंबर 2005 को विहिप नेता अशोक सिंघल के मौत पर आइएस सदस्यों ने खुशियां मनायी थीं। चार्जशीट में कहा गया है,’खबर मिलते ही सिराजुद्दीन ने कहा ...गुड न्यूज।‘

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, भारत के प्रति नफरत जाहिर करते हुए सिराजुद्दीन को पिछले वर्ष एनआइए ने गिरफ्तार किया गया था। यहां तक कि ‘कश्मीर में आइएस का स्वागत’ कहते हुए उसने 20 रुपये का विशेष नोट भी बनाया। यह बातचीत उसके फोन में पाया गया जिसका खुलासा एनआइए ने किया।

विभिन्न देशों के आइएस सदस्यों के अलावा सिराजुद्दीन अलकायदा जैसे विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म से भी जुड़ा था।

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टेलीग्राम चैनल- ‘हिंदबैट्ल’ 5 अक्टूबर, 2015 को बनाया गया जो बाद में गजवथुल हिंद के नाम से जाना गया और इसपर 353 सदस्यों के पोस्ट थे जो कश्मीर में मारे गए आतंकियों के शवयात्रा से संबंधित थे और उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया था, इसके अलावा इसपर 1999 में IC-814 हाइजैकिंग की तस्वीरें आदि भी डाली गयी। सिराजुद्दीन के साथ 6-7 महिलाएं भी थी जिसमें नैरोबी की आमिना से वह शादी करना चाहता था और सीरिया तक साथ यात्रा की थी, उसने आमिना को अपनी पत्नी बताया। 2015 के सितंबर माह में आमिना हैदराबाद भी आयी थी, लेकिन उसके यहां आने के पीछे क्या कारण था वह पता नहीं चल पाया। एक और फिलीपींस की महिला कारेन आयशा हामिदन से वह हमेशा सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए बातचीत करता था। आयशा आइएस नेटवर्किंग ग्रुप ‘इस्लाम Q&A’ चलाती थी। इसके अलावा वह इंडोनेशिया व भारत की भी कुछ महिलाओं के संपर्क में था।


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