भारत की पाक पीएम इमरान खान को सलाह, अपने अंदरुनी हालात पर दें ज्यादा ध्यान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है तो उसे पहले अनुकूल माहौल बनाना पड़ेगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दो दिन पहले दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम में हिस्सा लेते हुए पाक पीएम इमरान खान ने विभिन्न नेताओं के साथ मुलाकात में जिस तरह से कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश की है उसे भारत ने एक सिरे से खारिज किया है।
कश्मीर और भारत के कुछ कानूनी उपायों के जरिए दक्षिण एशिया की भयावह तस्वीर पेश कर रहे पाक पीएम को भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो टूक सलाह दी है कि वह पहले अपने देश के अंदरुनी हालात पर ज्यादा ध्यान दे। इसके साथ ही भारत ने यह भी कह दिया है कि पाकिस्तान के साथ उसके रिश्ते तभी सामान्य होंगे जब पड़ोसी देश आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाये और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को इसके बारे में संतुष्ट कर दे।
दावोस में पाक पीएम इमरान खान ने भारत के साथ रिश्तों को सामान्य होने की बात भी कही थी। उन्होंने अपने देश को एक बेहतरीन कारोबारी स्थल के तौर पर पेश करने की कोशिश की थी और इसके साथ यह कहा था कि अगर भारत के साथ रिश्ते सुधर जाते हैं तो उसके बाद पाकिस्तान की आर्थिक संभावनाएं और बढ़ जाएंगी। उनके इस बयान को कई लोगों ने पाकिस्तान के रुख में भारत को लेकर आ रही नरमी के तौर पर देखा है। लेकिन भारत निश्चित तौर पर सिर्फ पीएम खान के एक भाषण से अपने विचार नहीं बनाएगा।
MEA: If there are any bilateral issues b/w India & Pakistan that needs to be discussed, it should be done b/w the 2 countries under provisions of Shimla Agreement & Lahore Declaration. But onus is on Pak to create such conducive conditions - free from terror, hostility & violence https://t.co/z0TRVDyAp7" rel="nofollow — ANI (@ANI) January 23, 2020
उन्होंने दावोस के मंच से इस बारे में जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बहुत ही विस्तार से इसका जवाब दिया। कुमार ने कहा कि, ''पाक पीएम के बयान के लहजे से हम वाकिफ हो चुके हैं और उनकी बात से साफ है कि वहृ हताशा में बयान में दे रहे हैं। वह निराशा की तरफ जा रहे हैं। उन्होंने समझने होगा कि वैश्विक समुदाय उनके दोहरेपन को बखूबी समझ लिया है। अगर वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गंभीर हैं तो क्यों नहीं आतंकी समूहों व आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। उनको कश्मीर व भारत की अंदरुनी स्थिति को लेकर डरावने बयान देने बंद करना चाहिए और अपने देश के भीतर के हालात पर ध्यान देना चाहिए।''
एफएटीएफ करेगा पाकिस्तान की जांच
रवीश कुमार ने कहा कि पेरिस में 16 फरवरी से एफएटीएफ की बैठक होने जा रही है। हमें लगता है कि एफएटीएफ पाकिस्तान द्वार आतंकवाद पर उठाए गए कदमों को देखेगा। पिछले प्लेनरी मीटिंग में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को लेकर बड़ी चिंता जताई थी। पाकिस्तान जिस तरह से आतंकवाद को फाइनंस कर रहा है वो चिंता का विषय है। अब एफएटीएफ के सदस्यों को देखना है कि इमरान सरकार ने इसे बंद करने के लिए क्या किया है।