Move to Jagran APP

Karnataka: मुस्लिम व्यक्ति ने मंदिर के लिए किया कुछ ऐसा, लोगों ने तारीफों के बांधे पुल

बाशा ने कहा कि उन्होंने अक्सर देखा कि पूजा के दौरान लोगों को समस्या होती है। मंदिर छोटा था। आसपास कोई जगह नहीं थी। इसलिए मैंने तय किया कि मेरे प्लॉट का एक हिस्सा मंदिर को दे दिया जाए।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 08:47 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 08:47 AM (IST)
Karnataka: मुस्लिम व्यक्ति ने मंदिर के लिए किया कुछ ऐसा, लोगों ने तारीफों के बांधे पुल
Karnataka: मुस्लिम व्यक्ति ने मंदिर के लिए किया कुछ ऐसा, लोगों ने तारीफों के बांधे पुल

बैंगलोर, एएनआइ। मंदिर के आसपास इतनी जमीन नहीं थी कि भक्त बिना किसी परेशानी के पूजा कर सकें। बहुत कठिनाई होती है। यह देखकर एक मुस्लिम व्यक्ति ने कुछ ऐसा किया कि पुरोहित सहित पूरा हिंदू समाज प्रशंसा कर रहा है। मंदिर के ट्रस्टियों का कहना है कि मुस्लिम व्यक्ति ने हमारी कई समस्याओं को एक झटके में समाप्त कर दिया है। दरअसल, कर्नाटक के बेंगलुरु में कडुगोड़ी इलाके में मायलापुरा में हनुमान मंदिर है। मंदिर के पास भूमि की कमी को देखते हुए, एचएमजी बाशा नामक एक मुस्लिम व्यक्ति ने अपनी जमीन दान करने का फैसला किया। पाशा ने अपनी जमीन मंदिर को दान कर दी ताकि एक भव्य मंदिर का निर्माण हो और आसपास के भक्तों के लिए जगह की कोई कमी न हो।

loksabha election banner

बाशा ने कहा कि उन्होंने अक्सर देखा कि पूजा के दौरान लोगों को समस्या होती है। मंदिर छोटा था। आसपास कोई जगह नहीं थी। इसलिए मैंने तय किया कि मेरे प्लॉट का एक हिस्सा मंदिर को दे दिया जाए। मंदिर के ट्रस्टी भयरे गोड़ा का कहना है कि पाशा ने मंदिर के लिए जमीन दी है। हमें दिक्कत होती थी। हमें खुशी है कि एक मुस्लिम व्यक्ति ने मंदिर के लिए जमीन दी है। एक बेहतरीन उदाहरण है। हम सभी इस तरह से एक साथ रहते हैं।

बताया गया कि एमएमजी बाशा गुड्स ट्रांसपोर्ट सर्विस का बिजनेस करते हैं उनकी तीन एकड़ जमीन से सटा एक हनुमान जी का मंदिर है इस मंदिर में भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही थी, जिसकी वजह से वहां काफी दिक्कतें सामने आ रही थीं। ट्रस्ट मंदिर के विस्तार की योजना बना रहा था, लेकिन फंड की कमी के चलते ये योजना परवान नहीं चढ़ पा रही थी। बाशा ने इस दिक्कत को देखते हुए अपनी जमीन दान देने का फैसला किया। बता दें कि जमीन हाईवे के पास होने के कारण काफी महंगी थी, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी जमीन मंदिर को दान करने का फैसला लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.