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कर्नाटक: आउटसोर्स सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देगी कर्नाटक सरकार

कर्नाटक सरकार ने महिलाओं के हित में एक घोषणा की है। अब कर्नाटक सरकार के सभी दफ़्तरों में आउटसोर्स नौकरियों में 33 प्रतिशत महिला कर्मचारियों को आरक्षण दिया जाएगा।पुलिस और ऊर्जा जैसी आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी विभागों पर लागू होगा।

By Babli KumariEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 03:23 PM (IST)
कर्नाटक: आउटसोर्स सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देगी कर्नाटक सरकार
कर्नाटक सरकार ने दिया महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण

बेंगलुरु, एएनआइ। कर्नाटक सरकार (Karnatka  government)  ने महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। कर्नाटक की सरकार ने आउटसोर्स सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण (Reservation to Women) देने का फैसला लिया है। सभी विभागों में आउटसोर्स महिला कर्मचारियों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षित किया है। मुख्य सचिव पी रविकुमार ने शुक्रवार को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया।

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इसका मतलब है कि कर्नाटक में हर तीन सरकारी नौकरियों में से एक महिला के लिए आरक्षित होगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'यह पुलिस और ऊर्जा जैसी आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी विभागों पर लागू होगा।'

वर्तमान में कर्नाटक में 4.6 लाख कर्मचारियों वाले 7.2 लाख स्वीकृत पदों में से 1.5 लाख आउटसोर्स कर्मचारी हैं। तो अब महिला कर्मचारियों के लिए 50,000 पद आरक्षित होंगे।

सर्कुलर के अनुसार, राज्य सरकार आउटसोर्सिंग के माध्यम से डाटा एंट्री ऑपरेटर, हाउसकीपिंग स्टाफ और अन्य ग्रुप डी कर्मचारियों, ड्राइवरों की भर्ती करती है।

सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि महिलाएं आउटसोर्स की गई नौकरियों में भी उतना ही अच्छा काम कर सकती हैं। इसलिए, आउटसोर्सिंग के माध्यम से सभी सरकारी नौकरियों और सेवाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए।

इस वर्ष के अपने बजट में, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की कि राज्य के 33% कार्यबल महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। जैसा कि सिद्धारमैया ने कहा था, समाज में आगे बढ़ने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाया जाना चाहिए। 33 प्रतिशत आरक्षण सभी स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, शहरी स्थानीय निकायों और अन्य सरकारी कार्यालयों के लिए लागू है।

महिला और बाल कल्याण की सिफारिश पर राज्य विधानमंडल समिति के जवाब में, कर्नाटक सिविल सेवा नियम, 1978 को कोटा बढ़ाने के लिए संशोधित किया गया था। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक, समिति के प्रमुख मलिकय्या गुट्टेदार के अनुसार, 'कार्यबल में वास्तविक वृद्धि लगभग 10% है।'

आदेश की प्रति में सूचित किया गया है कि वरिष्ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इसे बिना किसी बाधा के लागू किया जाए। 


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