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येदियुरप्पा का केस खारिज करने से कर्नाटक हाई कोर्ट का इन्कार, सीएम फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को करारा झटका देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने अवैध भूमि की अधिसूचना रद करने के मामले में उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे को खारिज करने की याचिका रद कर दी है। साथ ही लोकायुक्त पुलिस को फटकार लगाई।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 10:24 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 10:24 PM (IST)
येदियुरप्पा का केस खारिज करने से कर्नाटक हाई कोर्ट का इन्कार, सीएम फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
अवैध भूमि की अधिसूचना रद करने का मामला। सीएम फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती।

बेंगलुरु, एजेंसियां। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को करारा झटका देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने अवैध भूमि की अधिसूचना रद करने के मामले में उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे को खारिज करने की एक याचिका रद कर दी है। साथ ही लोकायुक्त पुलिस पर पिछले पांच सालों से जांच पूरी नहीं करने पर भी फटकार लगाई। सूत्रों के अनुसार येदियुरप्पा इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

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येदियुरप्पा के खिलाफ मामले में दर्ज एफआइआर को खारिज करने से इन्कार

येदियुरप्पा के खिलाफ मामले में दर्ज एफआइआर को खारिज करने से इन्कार कर विगत मंगलवार को जस्टिस माइकल कुन्हा ने विशेष लोकायुक्त अदालत को निर्देश देते हुए कहा कि वह आपराधिक मामलों में शामिल सांसदों और विधायकों के खिलाफ अदालतों की निर्देशित जांच की निगरानी करें।

अवैध भूमि की अधिसूचना रद करने का मामला

एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में भाजपा-जदएस गठबंधन वाली सरकार में वर्ष 2006-07 में येदियुरप्पा उप-मुख्यमंत्री थी। इसी समय में एक सूचना प्रौद्योगिकी के प्रोजेक्ट के लिए व्हाइटफील्ड आइटी कॉरिडोर में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से जमीनों की अधिसूचना रद करने का यह मामला है।

लोकायुक्त अदालत के निर्देश पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत लोकायुक्त अदालत के निर्देश पर लोकायुक्त पुलिस ने 21 फरवरी, 2015 को यह मामला बेलांदुर शहर के निवासी वासुदेव रेड्डी की शिकायत पर दर्ज किया था। लिहाजा, इस समय यह तो नहीं कहा जा सकता कि लोकायुक्त पुलिस येदियुरप्पा के दबाव में आ गई।

जज ने कहा- सरकारी नौकर राजनीतिक दिग्गजों के हाथों की कठपुतलियां नहीं हो सकते

जज ने कहा कि स्वतंत्र और तटस्थ संस्था के तौर पर सरकारी नौकरों के गलत बर्ताव की जांच को लेकर जनता के दिमाग में यह बात नहीं जानी चाहिए कि यह लोग बड़े राजनीतिक दिग्गजों के हाथों की कठपुतलियां हैं। येदियुरप्पा के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।


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